रणजीत सिंह को मिला न्याय: 19 साल बाद बाबा राम रहीम समेत पांचों दोषियों को उम्रकैद की सजा

372
Ranjeet Singh got justice: After 19 years, five convicts including Baba Ram Rahim were sentenced to life imprisonment
अदालत ने राम रहीम पर 31 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। वहीं बाकी अन्य चार दोषियों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

चंडीगढ़। स्वयं शंभू बाबा राम रहीम दास को कोर्ट ने हत्या के 19 साल पुराने मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई। बाबा के साथ पांच अन्य दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। मालूम हो कि बाबा अभी जेल में सजा काट रहे है। सीबीआई कोर्ट ने देश के बहुचर्चित रणजीत सिंह हत्याकांड मामले में आज डेरामुखी गुरमीत राम रहीम सिंह समेत पांचों दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने राम रहीम पर 31 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। वहीं बाकी अन्य चार दोषियों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। कोर्ट का फैसला आने के बाद, बाबा के वकील ने हाईकोर्ट में अपील करने की बात कहीं।

सजा सुनाए जाने के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पंचकूला में धारा-144 लागू रही। कोर्ट परिसर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहे। किसी भी तरह के तेजधार हथियार को लेकर चलने पर भी प्रतिबंध रहा। 17 नाकों समेत शहर में कुल सात सौ जवान तैनात रहे। सीबीआई कोर्ट परिसर और चारों प्रवेशद्वार पर आईटीबीपी की चार टुकड़ियां तैनात थीं।पंचकूला सीबीआई की विशेष अदालत में तैनात आईटीबीपी के जवान।

वीसी के जरिए कोर्ट में हुई पेशी

रणजीत सिंह हत्याकांड का मुख्य दोषी डेरामुखी गुरमीत राम रहीम को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सीबीआई कोर्ट में पेश किया गया, जबकि अन्य चार दोषी कृष्ण कुमार, अवतार, जसवीर और सबदिल को पुलिस ने कड़ी सुरक्षा में कोर्ट में प्रत्यक्ष रूप से पेश किया गया। इस मामले में 12 अक्तूबर को ही सीबीआई कोर्ट को सजा सुनानी थी लेकिन दोषी डेरामुखी गुरमीत राम रहीम सिंह की ओर से हिंदी भाषा में आठ पेज की अर्जी लिखकर सजा में रहम की अपील की गई थी। उसने अर्जी में अपनी बीमारियों और सामाजिक कार्यों का हवाला दिया था।

रणजीत सिंह हत्याकांड मामले में बीते आठ अक्तूबर को डेरामुखी गुरमीत राम रहीम सिंह और कृष्ण कुमार को कोर्ट ने आईपीसी की धारा-302 (हत्या), 120-बी (आपराधिक षड्यंत्र रचना) के तहत दोषी करार दिया है। वहीं, अवतार, जसवीर और सबदिल को कोर्ट ने आईपीसी की धारा-302 (हत्या), 120-बी (आपराधिक षड्यंत्र रचना) और आर्म्स एक्ट के तहत दोषी करार दिया है।

यह है रणजीत सिंह हत्याकांड मामला

कुरुक्षेत्र के रहने वाले रणजीत सिंह की 10 जुलाई 2002 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। रणजीत सिंह डेरा सच्चा सौदा का मैनेजर था। राम रहीम इसी डेरे का प्रमुख है। डेरा प्रबंधन को शक था कि रणजीत सिंह ने साध्वी यौन शोषण की गुमनाम चिट्ठी अपनी बहन से ही लिखवाई। बस इसी शक में उसकी हत्या कर दी गई।

रणजीत सिंह के बेटे जगसीर सिंह ने जनवरी 2003 में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी। हाईकोर्ट ने बेटे के पक्ष में फैसला सुनाकर मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थी। सीबीआई ने राम रहीम समेत पांच लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। 2007 में कोर्ट ने आरोपियों पर चार्ज फ्रेम किए थे। हालांकि, शुरूआत में इस मामले में डेरामुखी का नाम नहीं था लेकिन 2003 में जांच सीबीआई को सौंपने के बाद 2006 में राम रहीम के ड्राइवर खट्टा सिंह के बयान के आधार पर डेरा प्रमुख का नाम इस हत्याकांड में शामिल किया गया था।

इसे भी पढ़ें… 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here