यूपी में बच्चों की टेंशन दूर करने पढ़ाया जाएगा हैप्पीनेस पाठ्यक्रम, इन जिलों में होगा लागू

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Happiness course will be taught in UP to remove the tension of children, will be implemented in these districts
पूरे पाठ्यक्रम को मुख्य रूप से तीन भागों में बांटा गया है। इसमें माइंडफुलनेस, कहानी और गतिविधियां शामिल हैं।

गोरखपुर। दिल्ली की तरह यूपी के बच्चों का भी टेंशन दूर करने अब हैप्पीनेस पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा। पायलेट प्रोजेक्ट के तहत गोरखपुर समेत 15 जिलों यह पाठ्यक्रम शुरू किया जाएगा। प्रोजेक्ट अगर सफल हो जाएगा तो पूरे प्रदेश के बच्चों को खुश रहने के तरीके सिखाए जाएंगे। राज्य शैक्षिक अनुंसधान एवं प्रशिक्षण परिषद ने शिक्षकों के साथ बैठक कर पाठ्यक्रम की तैयारी पर कार्य शुरू कर दिया है। इस पाठ्यक्रम को शामिल करने का मुख्य उददेश्य छात्रों में बढ़ रही टेंशन को दूर भगाने के लिए खुश रहने का तरीका सिखाना है।

हैप्पीनेस पाठ्यक्रम को विकसित करने के लिए पूरे प्रदेश से 68 व जनपद से पांच शिक्षक चयनित किए गए हैं। इनमें प्रमुख रूप से दिल्ली सरकार में हैप्पीनेस प्रोग्राम के अभिन्न अंग रहे श्रवण शुक्ल के अलावा परिषदीय के शिक्षक अभय कुमार पाठक, महेंद्र पटेल, अर्चना मालवीय तथा संतोष राव शामिल हैं। हैप्पीनेस पाठ्यक्रम विशेष रूप से तब चर्चा में आया जब पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पत्नी मेलानिया ट्रंप ने दिल्ली के एक सरकारी स्कूल का दौरा कर हैप्पीनेस क्लास की जानकारी ली। उस दौरान इस पाठ्यक्रम के बारे में विस्तृत प्रेजेंटेशन गोरखपुर के शिक्षक श्रवण शुक्ल की टीम ने ही दिया था।

यहां से होगी शुरूआत

पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर गोरखपुर-बस्ती मंडल के देवरिया, गोरखपुर, सिद्धार्थनगर के साथ ही यह पाठ्यक्रम लखनऊ, वाराणसी, मुरादाबाद, प्रयागराज, अमेठी, अयोध्या, मेरठ, गाजियाबाद, आगरा, मथुरा, झांसी व चित्रकूट में लागू होगा।

यह है हैप्पीनेस पाठ्यक्रम

हैप्पीनेस खुश रहने का पाठ्यक्रम है। इसमें खुशी पूर्वक जीने के लिए क्या-क्या समझना पड़ता है। वह सभी मुद्दे इस पाठ्यक्रम में शामिल किए गए हैं। यह पाठ्यक्रम पांच मूल्यों के इर्द-गिर्द घूमता है। इन मूल्यों में विश्ववास, सम्मान, कृतज्ञता, ममता व स्नेह शामिल है। इस पाठ्यक्रम के तहत जितने भी सत्र होंगे वह इन्हीं में किसी न किसी एक या उससे अधिक मूल्यों काे उभारा जाएगा।

इस पाठ्यक्रम को पढ़ाने का मुख्य उद्देश्य बच्चों में विवेक विकसित करना, उनके दिलो-दिमाग को वर्तमान पर केंद्रित करना, सकारात्मक बनाना और उनमें कृतज्ञता का भाव विकसित करना है। इसके लिए इस पूरे पाठ्यक्रम को मुख्य रूप से तीन भागों में बांटा गया है। इसमें माइंडफुलनेस, कहानी और गतिविधियां शामिल हैं।

​इस विषय में श्रवण कुमार शुक्ल हैप्पीनेस विशेषज्ञ का कहना है कि पाठ्यक्रम को लागू करने के लिए चयनित 15 जनपदों में त्रिस्तरीय जनपद, ब्लाक व संकुल स्तरीय टीमों का गठन किया जाएगा। जनपदीय स्तरीय टीम ब्लाक स्तरीय टीम की तथा ब्लाक की टीम संकुल स्तरीय टीम का क्षमता संवर्धन व देखरेख करेगी। जल्द ही गूगल मीट के जरिए पूरे प्रदेश के चयनित 68 शिक्षकों की मौजूदगी में पाठ्यक्रम, विकास व संचालन की कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया जाएगा। इस पाठ्यक्रम की खासियत होगी कि यह उप्र राज्य के अनुकूल तैयार होगा।

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