दूध का प्रेम:बैंड बाजे से दी गोमाता को अंतिम विदाई, समाधि स्थल पर बनवाएंगे मंदिर

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Love of milk: The last farewell given to the mother cow with band instruments, the temple will be built at the tomb
अंतिम विदाई के लिए बैंड बाजा बुलवाया गोमाता की शवयात्रा निकालकर अंतिम विदाई दी।

रतलाम। इस समय जहां लोग गाय जब दूध देना बंद कर देती है तो उसे घर से भगा दे रहे है,या कसाई को बेच देते हैं। इन सबसे अलग मध्यप्रदेश के रतलाम में देखने को मिला यहां एक परिवार में पली पालतू गाय की मृत्यु हो जाने पर घर वालों ने विधिवत उसके अंतिम संस्कार करवाने की सोची । उसकी अंतिम विदाई के एि बैंड बाजा बुलवाया गोमाता की शवयात्रा निकालकर अंतिम विदाई दी। शवयात्रा में बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल हुए।

गांव में शोभायात्रा निकाली

पशु का यह किस्सा रतलाम के रावटी कस्बे का है। यहां के निवासी श्रेणिक चत्तर पालतू गाय ने प्राण त्याग दिए। यह परिवार गाय को अपने परिवार का सदस्य मानते हुए उसका डेढ़ साल के ईलाज भी करवा रहा था। बीमारी के चलते शनिवार सुबह गौमाता कि मृत्यु हो गई जिसके बाद इस परिवार ने गौ माता को अपने परिवार का सदस्य मानकर पूरे विधि विधान और रस्मो रिवाज के साथ उसे अपने घर से विदा किया।

बकायदा गौ माता के लिए ट्रैक्टर ट्रॉली को फूलो से सजाया गया।गौमाता कि देह को रखकर कर पूरे गांव में शोभायात्रा निकाली गई।जिस भी ग्रामीण ने यह नजारा लिखा उसकी आंखें नम हो गई और जिस भी सड़क से गौ माता की अंतिम यात्रा निकली वहां ग्रामीणों ने उनकी पूजा-अर्चना कि। गौ माता को गांव के ही बाहर गहरा गड्ढा कर दफनाया गया और पूरे रस्मो रिवाज के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई। अब यह परिवार गौ माता की तेरहवीं करने की तैयारी में जुटा है। गौ माता की अंतिम यात्रा में श्रेणिक चत्तर का पूरा परिवार व आसपास के रिश्तेदार भी शामिल हुए।

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