नईदिल्ली। देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी अपने सबसे बुरे दौड़ से गुजर रही है। आलाकमान जिसे भी चुनाव की जिम्मेदारी दे रहा है, वह हार के डर से अपना पद छोड़ रहा है, क्योंकि पूरी ताकत झोंकने के बाद भी कांग्रेस के अच्छे दिन नहीं लौट रहे, लगातार हार से कांग्रेसियों का हौंसला टूट रहा है।पार्टी की अनदरूनी कलह से तंग आकर आनंद शर्मा ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव संचालन समिति स्टीयरिंग कमेटी के अध्यक्ष पद से रविवार को इस्तीफा दे दिया। उन्होंने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर इस्तीफा दिया है।
यह लिखा पत्र में
आनंद शर्मा ने सोनिया गांधी को पत्र में लिखा. उनके स्वाभिमान को ठेस पहुंची है, क्योंकि उन्हें पार्टी की किसी भी बैठक में सलाह या आमंत्रित नहीं किया गया है। उन्हें पार्टी में नजरअंदाज किया जा रहा है। राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता शर्मा को 26 अप्रैल को हिमाचल प्रदेश में संचालन समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।कांग्रेस इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों में हिमाचल प्रदेश में भाजपा से सत्ता हथियाने की कोशिश कर रही है। शर्मा को हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े नेताओं में माना जाता है। ऐसे में शर्मा का इस्तीफा देना कांग्रेस के लिए घाटा साबित हो सकता है। हालांकि, शर्मा ने आश्वासन दिया है कि वे कांग्रेस उम्मीदवारों के लिए प्रचार में भाग लेंगे।
1982 से सक्रिय थे आनंद
मालूम हो कि पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने पहली बार 1982 में विधानसभा चुनाव लड़ा था और 1984 में तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी द्वारा उन्हें राज्यसभा का टिकट दिया गया था। शर्मा तब से राज्यसभा सदस्य हैं और पार्टी में कई प्रमुख पदों पर रहे हैं। इससे 4 दिन पहले यानी 16 अगस्त को जम्मू.कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने भी प्रदेश ;जम्मू.कश्मीर, कैंपेन कमेटी का अध्यक्ष बनाया था, लेकिन आजाद ने अध्यक्ष बनाए जाने के 2 घंटे बाद ही पद से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देने की वजह अब तक साफ नहीं है।
इसे भी पढ़ें…
- होंडा मोटरसाइकल ने पेश किया नया 2022 एक्टिवा प्रीमियम एडीशन
- साहब मुझे बचा लो, मेरी नशेड़ी दुल्हन मेरी जान लेने पर तुली है, जानिए पूरा मामला
- वाराणसीः श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के बाद माइक स्टैंड में करंट उतरने से बच्चे की मौत, तीन गंभीर