सोनभद्र। सोनभद्र की पहाड़ियां न केवल खनिज संपदा से संपन्न है। बल्कि World Ancient Fossils यानि फॉसिल्स यहां सरंक्षित है। इसे दुनिया नक्शे पर पहचान दिलाने के लिए यूपी सरकार पिछले दो साल प्रयासरत है। सरकार का प्रयास है,इसे यूनेस्को की स्थायी सूची में शामिल किया जाए। इसके लिए सरकार की कवायद तेज हो गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर ईको टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड इसके लिए डोजियर तैयार कर रहा है। इसे जल्द भारत सरकार को सौंपा जाएगा। माना जा रहा है दो साल में फॉसिल्स पार्क यूनेस्को की स्थायी सूची में शामिल हो सकता है।
140 करोड़ वर्ष पुराने शैवाल मिले
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सलखन को पहचान मिलने से यहां पर्यटन विकास की संभावनाएं बढ़ जाएंगी। फॉसिल्स पार्क को यूनेस्को की लिस्ट में दर्ज कराने के लिए विभाग की ओर से एक साल से प्रयास किया जा रहा था। पिछले साल 26 जून को मुख्यमंत्री के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश इको पर्यटन विकास बोर्ड और लखनऊ स्थित बीरबल साहनी पुरावनस्पति विज्ञान संस्थान के मध्य एमओयू साइन किया गया था। फॉसिल्स पार्क के पत्थरों पर मौजूद जीवाश्म के अध्ययन में 140 करोड़ वर्ष पुराने शैवाल और स्ट्रॉमैटोलाइट्स के जीवाश्म पाए गए, जो धरती पर प्राचीन जीवन के प्रमाण देते हैं। इन साक्ष्यों के आधार पर यूनेस्को की सूची में पार्क को शामिल करने के लिए आवेदन किया गया।
पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश मेश्राम ने बताया प्रदेश में इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं सीएम योगी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश इको पर्यटन विकास बोर्ड ने दुनिया के सबसे प्राचीन जीवाश्म पार्क में शुमार सलखन के फॉसिल्स पार्क को यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज की संभावित सूची में दर्ज कराने की बड़ी उपलब्धि हासिल की है। सलखन फॉसिल पार्क का विश्व के अन्य जीवाश्म पार्कों से तुलनात्मक अध्ययन भी किया गया है। सलखन के जीवाश्म लगभग 140 करोड़ वर्ष पुराने हैं। वहीं विश्व धरोहर की सूची में पहले से शामिल अमेरिका के येलो स्टोन पार्क के जीवाश्म लगभग 50 करोड़ वर्ष पुराने, कनाडा के मिस्टेकन प्वाइंट के जीवाश्म लगभग 55 करोड़ वर्ष पुराने और कनाडा के जॉगिंस फॉसिल क्लिफ के जीवाश्म 31 करोड़ वर्ष पुराने हैं।
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