भाजपा की प्रचंड जीत ने ‘इंडिया’ में बढ़ाया अखिलेश का दबदबा, मिशन-2024 में सपा अब यूं ठोकेगी ताल

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मिशन—2024 के लिए अब इंडिया गठबंधन में अखिलेश का दबदबा बढ़ेगा। साथ ही यूपी में टिकट बंटवारे में अब सिर्फ और सिर्फ अखिलेश की ही चलने की चर्चा तेज हो गई है।

विराट शर्मा, लखनऊ। हिन्दी पट्टी के तीन राज्यों में भाजपा को मिले प्रचंड बहुमत से जहां मोदी—शाह के हौंसले बुलंद हैं तो वहीं इस जीत से सपा अध्यक्ष अखिलेश को खासा फायदा पहुंचता दिख रहा है। दरअसल मिशन—2024 के लिए अब इंडिया गठबंधन में अखिलेश का दबदबा बढ़ेगा। साथ ही यूपी में टिकट बंटवारे में अब सिर्फ और सिर्फ अखिलेश की ही चलने की चर्चा तेज हो गई है। तीन राज्यों में मिली बीजेपी को प्रचंड बहुमत से ये तो लगभग साफ हो चुका है कि अब यूपी में कांग्रेस की नईया राम भरोसे ही है।

तो वहीं बीएसपी ने अभी तक अपने पत्ते साफ तौर पर नहीं खोले हैं कि वह एनडीए का हिस्सा होगी या फिर इंडिया गठबंधन के साथ आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में उतरेगी। वहीं तीन राज्यों में मिली बीजेपी के तुफानी जीत से प्रदेश के मुख्यमंत्री और बीजेपी के फायर ब्रांड नेता योगी आदित्यनाथ ने अपनी छवि को राष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत कर यूपी बीजेपी में नई जमीन तैयार कर दी है। जिसकी फसल बीेजपी आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में काटने वाली है।

आम चुनाव में दिखी सपा और कांग्रेस की तल्खी

यूपी में बीजेपी से सीधे दो दो हाथ करने वाली मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी इस चुनाव में भले ही एक भी सीट नहीं जीती हो पर यूपी में समाजवादी पार्टी ने इससे थोड़ी अपनी जमीन मजबूत जरूर की है। वैसे कांग्रेस ने पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश चुनाव में अपना पूरा दमखम झोंका था। वहीं अधिक आत्मविश्वास के चलते पार्टी ने हाल ही में तैयार राष्ट्रव्यापी इंडिया गठबंधन के बारे में भी ख्याल नहीं किया और सपा प्रमुख अखिलेश यादव की मांग के बावजूद सपा को मध्य प्रदेश में एक भी सीट नहीं दी। इसे लेकर अखिलेश ने खुले तौर पर नाराजगी जताई थी और कहा था कि इंडिया गठबंधन अगर राज्य स्तर के चुनावों में लागू नहीं होता है तो लोकसभा चुनाव 2024 में भी इसके साथ रहना है या नहीं वह इस पर बाद में विचार करेंगे कि आगे की क्या होगी रणनीति।

तो वहीं समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के कार्यकर्ता और नेता भी आमने-सामने आ गए थे। वहीं प्रदेश में अखिलेश यादव और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के बीच भी तल्खी देखने को मिली। कांग्रेस पूरी तरह से आश्वस्त थी कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनाने वाली है और चुनाव के बाद में समाववादी पार्टी को मैनेज कर लिया जाएगा। लेकिन दांव उल्टा पड़ गया और एमपी में कमल खिल गया। मिली करारी शिकस्त के बाद आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में भी कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी होने वाली है क्योंकि जिस चुनाव के लिए सपा से रिश्ते खराब किए गए थे। इसमें ऐसे प्रदर्शन के बाद सीट बंटवारे को लेकर वह बेहद प्रभावी दशा में नहीं रह पाएगी।

सेमीफाइनल के बाद अब फाइनल में क्या होगी तस्वीर!

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की पार्टी सपा ने मध्य प्रदेश की 74 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया था। वह कांग्रेस से इंडिया गठबंधन के तहत सीटें मांगते रहे पर कांग्रेस ने उन्हें कोई खास महत्व नहीं दिया हालांकि सपा के 74 उम्मीदवारों में से एक भी जीत के करीब भी नहीं पहुंच पाया हो फिर भी अखिलेश के लिए यह चुनाव परिणाम राहत देने वाला है। अब अगले साल लोकसभा चुनाव 2024 होने वाले हैं।

पर उम्मीद जताई जा रही है कि विपक्षी दल इंडिया गठबंधन के बैनर तले चुनाव लड़ें। ऐसे में उत्तर प्रदेश में सीट बंटवारे की स्थिति में कांग्रेस अब ज्यादा मजबूती से दावेदारी नहीं कर पाएगी और अखिलेश यादव यूपी में कांग्रेस की कमजोर सियासी हालत और हालिया आम चुनाव में उसके प्रदर्शन का हवाला देते हुए उस पर हावी होते नजर आएंगे। यही कारण है कि इन चुनावों के नतीजों में एक भी सीट न जीतते हुए भी सपा प्रमुख अखिलेश यादव एक दांव जीत ही गए हैं।

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