महाराष्ट्र में यह क्या हो रहा: नांदेड़ में 24 घंटे में 24 मौत के बाद संभाजीनगर में एक दिन में गई 18 जान

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Tragic: The car of the family that had come to immerse the ashes rammed into a truck. Eight people of two families were burnt alive.
यह हादसा फूलपुर के करखियांव में सुबह 4.30 बजे हुआ।

मुंबई। महाराष्ट्र के अस्पातालों में यह क्या हो रहा है ​यह न तो सरकार के समझ में आ रहा और न ही डॉक्टरों के सब के सब हैरान है। नांदेड़ में 24 घंटे में 24 की मौत के बाद अब छत्रपति संभाजीनगर के सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (जीएमसीएच) में एक दि में अब 18 लोगों की मौत के सामने आई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मराठवाड़ा के ही नांदेड़ के डॉ. शंकरराव चव्हाण सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में 30 सितंबर से एक अक्तूबर के बीच 24 घंटे में 24 लोगों की, जबकि एक से दो अक्तूबर के बीच सात लोगों की जान गई थी। इससे मरने वालों की कुल संख्या 31 हो गई है।

पहले से आए चार मरे लोग

अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि छत्रपति संभाजीनगर के सरकारी अस्पताल में दो अक्तूबर को सुबह आठ बजे से तीन अक्टूबर को सुबह आठ बजे तक 18 मौतें हुई हैं। उन्होंने कहा कि अस्पताल में पहले से ही चार मरे हुए लोगों को लाया गया था। उन्होंने कहा कि 18 में से दो मरीजों की दिल का दौरा पड़ने से मौत हुई। वहीं, दो की निमोनिया के चलते मौत हुईं। इसके अलावा तीन मरीजों के गुर्दों ने काम करना बंद कर दिया था। वहीं शेष मरीजों की सड़क दुर्घटना, जहर खाने या अन्य वजहों से जान गई। उन्होंने बताया कि अस्पताल में दो और तीन अक्तूबर के बीच, समय से पहले जन्मे दो बच्चों की मौत हो गई थी।

अस्पतालों में पर्याप्त व्यवस्था

मेडि​कल अधिकारी ने बताया कि अस्पातालों में दवाओं की कमी नहीं है। 18 मौतों में से मरीजों को अंतिम समय में अस्पताल में रेफर किए गए हैं।’ उन्होंने कहा कि अस्पताल में महज 1,177 बिस्तर हैं, लेकिन भर्ती मरीजों के संख्या हमेशा ही 16 सौ अधिक रहती है। पिछले महीने यहां करीब 28 हजार मरीज भर्ती हुए थे। इनमें से 419 मौतें सितंबर में दर्ज की गई थीं। मराठवाड़ा क्षेत्र के विभिन्न जिलों और उत्तरी महाराष्ट्र के शहरों से मरीज यहां इलाज कराने के लिए आते हैं।

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