पटना। बिहार में जाति के आधार पर हुई जनगणना की रिपोर्ट जारी हो गई। इस रिपोर्ट के अनुसार 12 साल में बिहार की जनसंख्या 25 फीसदी बढ़ गई। इस समय बिहार की कुल 13 करोड़ सात लाख 25 हजार 310 हो गई है। इस तरह बीते 12 साल में राज्य की आबादी में 25.5 फीसदी का इजाफा हुआ है। 2011 की जनगणना के मुताबिक राज्य की कुल आबादी में 15.9 फीसदी आबादी दलित और 1.3 फीसदी आबादी आदिवासी समाज की थी। नए जातिगत सर्वमें दलित आबादी 19.65 फीसदी हो गई है। वहीं, आदिवासी आबादी का आंकड़ा भी बढ़कर 1.68 फीसदी हो गया है।
सामान्य वर्ग की आबादी घटी
पिछड़े वर्ग की आबादी राज्य में 51 से 52 फीसदी मानी जाती थी, जो बढ़कर 63.13 फीसदी से भी ज्यादा हो गई है। वहीं, राज्य की 30 फीसदी आबादी सामान्य वर्ग के लोगों की मानी जाती थी। जातीय जगनणना में यह आंकड़ा महज 15.52 फीसदी ही बताया गया है।
सर्वदलीय बैठक में हुआ था फैसला
सोमवार को बिहार जाति आधारित गणना-2022 कार्य के सर्वेक्षण के आंकड़ों को प्रकाशित कर दिया गया। सरकार ने कहा कि रिपोर्ट का उपयोग सर्वप्रथम समाज के सबसे निचले पायदान पर मौजूद लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के प्रयास के साथ समाज और राज्य के सर्वांगीण विकास में किया जा सकेगा। बिहार विधानसभा और विधानपरिषद ने 18 फरवरी 2019 को राज्य में जाति आधारित गणना कराये जाने का प्रस्ताव पारित किया गया। इस संबंध में दोबारा एक मई 2022 को आयोजित सर्वदलीय बैठक में भी बिहार राज्य में जाति आधारित गणना कराने के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया गया। इसके अगले ही दिन राज्य मंत्रिपरिषद् द्वारा लिए गये निर्णय के आधार पर बिहार राज्य में जाति आधारित गणना को दो चरणों में माह फरवरी, 2023 तक संपन्न कराने का निर्णय लिया गया।
आंकड़ों पर एक नजर
बिहार में अति पिछड़ा वर्ग की आबादी सबसे ज्यादा 4,70,80,514 है जो राज्य की आबादी का कुल 36.0148 % है। इसके बाद पिछड़ा वर्ग 3,54,63,936 हैं जिनकी कुल आबादी 27.1286 फीसदी है। इस तरह से राज्य की 63 फीसदी से ज्यादा आबादी पिछड़ा वर्ग की है। इसके बाद अनुसूचित जाति की आबादी 2,56,89,820 हैं जो 19.6518 % हैं। वहीं, सामान्य वर्ग की आबादी 2,02,91,679 है जो राज्य की आबादी का 15.5224 % है। राज्य में अनुसूचित जनजाति के लोगों की संख्या 21,99,361 है। जो कुल आबादी का 1.6824 % हैं। इस तरह से बिहार की कुल आबादी 13,07,25,310 है। बिहार में 81.99 प्रतिशत यानी लगभग 82% हिंदू हैं। इस्लाम धर्म के मानने वालों की संख्या 17.7% है। शेष ईसाई सिख बौद्ध जैन या अन्य धर्म मानने वालों की संख्या एक फीसदी से भी कम है। राज्य के 2146 लोगों ने अपना कोई धर्म नहीं बताया।
इसे भी पढ़े…