​कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पूर्व अमूल बनाम नंदनी पर राजनीति हुई गर्म

138
​Politics heats up on Amul vs Nandni ahead of Karnataka assembly elections
कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने अमूल ब्रांड का विरोध किया था और चुनाव से पहले इसे अहम राजनीतिक मुद्दा बना दिया।

बेंगलुरु। कर्नाटक में विधानसभा चुनाव से दो दुग्ध उत्पादक ब्रांड्स क लेकर विवाद खड़ा हो गया है। रविवार को ही बेंगलुरु के एक होटल संगठन- बृहत बेंगलुरु होटल्स एसोसिएशन ने एलान किया कि वे शहर में अमूल के उत्पादों का इस्तेमाल नहीं करेंगे और कर्नाटक के स्थानीय किसानों को समर्थन देने के लिए सिर्फ लोकल ब्रांड नंदिनी का ही प्रयोग करेंगे। चौंकाने वाली बात यह है कि होटल एसोसिएशन के इस फैसले से पहले ही कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने अमूल ब्रांड का विरोध किया था और चुनाव से पहले इसे अहम राजनीतिक मुद्दा बना दिया।

कर्नाटक का स्थानीय ब्रांड नंदिनी

देश की सबसे बड़ी दुग्ध उत्पादक कंपनियों में से एक अमूल और कर्नाटक के स्थानीय ब्रांड नंदिनी को लेकर विवाद की स्थिति पांच दिन पहले शुरू हुई थी। दरअसल, पांच अप्रैल को गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क फेडरेशन जो कि अपने डेयरी उत्पाद अमूल ब्रांड के अंतर्गत बेचता है ने ट्वीट किया था कि वह कर्नाटक में एंट्री के लिए तैयार है। अमूल ने ट्विटर हैंडल पर लिखा, “दूध और दही के साथ ताजेपन की एक नई लहर जल्द बेंगलुरु आ रही है। इस पर ज्यादा जानकारी जल्द। लॉन्च अलर्ट।”

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अमूल के इस ट्वीट के बाद कर्नाटक में राजनीति भी शुरू हो गई। राजनीतिक दलों ने राज्य में होने वाले चुनाव के मद्देनजर एक नए ब्रांड की एंट्री को चुनावी मुद्दा बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इसके लिए इन पार्टियों ने कर्नाटक की स्थानीय डेयरी उत्पाद निर्माता कंपनी कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (KMF) का सहारा लिया, जो कि नंदिनी ब्रांड के अंतर्गत अपने उत्पाद बेचता है। अमूल के ट्वीट के बाद ट्विटर पर नंदिनी को बचाओ (#SaveNandini) और अमूल वापस जाओ (#GobackAmul) जैसे हैशटैग ट्रेंड होने लगे। कुछ रिपोर्ट्स में कहा जाता है कि कर्नाटक मिल्क फेडरेशन देश का दूसरा सबसे बड़ा दूध का सप्लायर है।

नंदनी को खत्म करने का आरोप

एएनआई के अनुसार कर्नाटक में अमूल की एंट्री चुनाव के मद्देनजर एक अहम मुद्दा बन गया है और इसे उठाया है मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस और जेडीएस ने। कांग्रेस ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि वह राज्य के एक बेहतरीन डेयरी ब्रांड नंदिनी को खत्म करने की साजिश कर रही है। 8 अप्रैल को कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अमूल के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए नंदिनी के मुद्दे को राज्य की पहचान से जोड़ दिया। उन्होंने कहा कि सभी कन्नड़ साथियों को शपथ लेनी चाहिए कि वे अमूल के उत्पाद नहीं खरीदेंगे।

भाजपा ने दिया यह जवाब

भाजपा के नेताओं ने पलटवार करते हुए विपक्ष को जवाब​ दिया हैं। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने विपक्ष पर अमूल की एंट्री के राजनीतिकरण के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि हम अमूल को लेकर बिल्कुल स्पष्ट रहे हैं। नंदिनी बी एक राष्ट्रीय ब्रांड है। यह सिर्फ कर्नाटक तक ही सीमित नहीं है। हमने नंदिनी को अन्य राज्यों में भी लोकप्रिय बनाया है। उन्होंने कहा कि राज्य में न सिर्फ दूध का उत्पादन बढ़ा है, बल्कि दुग्ध उत्पादकों की आर्थिक सहायता भी बढ़ाई गई है।

इसे भी पढ़ें..

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here