Jhanshi news: हर साल ढाई लाख खर्च इसके बाद भी झांसी स्टेशन पर चूहों से अधिकारी परेशान, ट्रैक को किया खोखला

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Jhanshi news: Even after spending two and a half lakhs every year, officials are troubled by rats at Jhansi station, hollowed out the track
यह चूहे रेलवे ट्रैक पर फेंकी जाने वाली गंदगी और खाने को खाकर काफी बड़े आकार के हो गए है, पूरे दिन तो चूहे पटरियों पर घूमते रहते हैं।

झांसी।घरों से ज्यादा चूहे रेलवे स्टेशनों पर देखने को मिलते है, इन चूहों की वजह से रेलवे अधिकारी काफी परेशान है। यह चूह सामान को नुकसान तो पहुंचा ही रहे है, साथ ही रेलवे ट्रैक पर के आसपास सुरंगनुमा आशियाना बना रहे है जो हादसे की वजह बन सकते है। रेल अधिकारियों की माने तो चूहों ने प्लेटफार्म और कार्यालयोें के अलावा रेलवे ट्रैक के नीचे सुराख करके सुरंग बना ली हैं। हालात यह हैं कि रेलवे स्टेशन पर पटरियों के आसपास घूम रहे चूहे ट्रेनों में भी घुस रहे हैं। ये किसी ट्रेन में यात्रियों का सामान तो किसी ट्रेन में एसी के वायर काट रहे हैं। रविवार को बांद्रा झांसी ट्रेन के एसी कोच में चूहा फंसने से शार्ट सर्किट हो गया था। इससे कोच में धुआं भर गया था। बड़ा हादसा होते-होते बचा था।

वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन पर चूहों की उछल-कूद परेशानी बढ़ा रही है। रेलवे स्टेशन पर प्लेटफार्म एक से लेकर सात तक चूहों की दौड़ हमेशा चलते रहती है। यह चूहे रेलवे ट्रैक पर फेंकी जाने वाली गंदगी और खाने को खाकर काफी बड़े आकार के हो गए है, पूरे दिन तो चूहे पटरियों पर घूमते रहते हैं। वहीं रात होते ही स्टेशन पर बने कार्यालय और रेस्टोंरेंट में पहुंचकर सामान और अभिलेखों को कुतर डालते हैं।

गार्ड की डायरी को कर चुके है क्षतिग्रस्त

स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर दो पर बने पेटी रूम में भी चूहों की भरमार है। चूहे गार्ड की पेटियों में घुस जाते हैं और कई बार गार्ड की डायरी और अन्य सामान को खराब कर चुके हैं। प्लेटफार्म दो और तीन पर भोपाल की ओर रेलवे ट्रैक भी चूहों ने खोखला कर दिया है। ट्रैक के नीचे चूहों ने सुरंग बना ली है। इससे यात्रियों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ हो रहा है। चूहों को मारने और पकड़ने पर हर साल ढाई लाख रुपये खर्च कर रहा है। मगर फिर भी चूहों की तादाद बढ़ती जा रही है।

हर साल ढाई लाख खर्च फिर भी कम नहीं हुए

रेलवे ने स्टेशन पर सफाई और पेस्टीसाइड के लिए लखनऊ की किंग सिक्योरिटी सर्विस कंपनी को नियुक्त किया है। चार साल का ठेका नौ करोड़ रुपये में किया गया है। जिसमें करीब 10 लाख रुपये चूहे और कॉकरोच मारने के लिए खर्च किए जाने हैं। कंपनी के अधिकारियों का दावा है कि समय-समय पर चूहों के बिलों को पेस्टीसाइड और सीमेंट डालकर बंद किया जा चुका है।

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