आईआईएम लखनऊ और एमआईसीए ने टीवीएस क्रेडिट ईपीआईसी सीज़न 4 चैलेंज में जीते पुरस्कार

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IIM Lucknow and MICA win prizes in TVS CREDIT EPIC Season 4 Challenge
इस प्रोग्राम के माध्यम से कंपनी ने सशक्त एम्प्लॉयर ब्राण्ड बनाया है। इस मंच के ज़रिए समर इंटर्नशिप और मैनेजमेन्ट ट्रेनी प्रोग्राम के लिए कुछ प्रतिभागियों का चयन किया गया है।

लखनऊ, बिजनेस डेस्क। देश की अग्रणी एनबीएफसी टीवीएस क्रेडिट सर्विसेज़ लिमिटेड ने हाल ही में कॉलेज छात्रों के लिए अपने सालाना कैम्पस चैलेंज प्रोग्राम ई.पी.आई.सी. सीज़न 4 के ग्राण्ड फिनाले का आयोजन किया। इस सीज़न में अब तक के अधिकतम पंजीकरण प्राप्त हुए। 40,000 से अधिक छात्रों ने पंजीकरण किया, इस तरह पहले सीज़न की तुलना में छात्रों की भागीदारी में 268 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इस प्रतियोगिता के माध्यम से एनालिटिक्स, फाइनैंस, आईटी और स्टैªटेजी में छात्रों की समस्याओं को हल करने की क्षमता का मूल्यांकन किया गया। साथ ही उन्हें करियर में आगे बढ़ने के अवसर भी उपलब्ध कराए गए।

ओपन हाउस में हुई वार्ता

इस प्रोग्राम के माध्यम से कंपनी ने सशक्त एम्प्लॉयर ब्राण्ड बनाया है। इस मंच के ज़रिए समर इंटर्नशिप और मैनेजमेन्ट ट्रेनी प्रोग्राम के लिए कुछ प्रतिभागियों का चयन किया गया है। ई.पी.आई.सी. फिनाले में टीवीएस क्रेडिट के सीईओ आशीष सपरा ने एक ओपन हाउस के दौरान प्रतिभागियों के साथ बातचीत की।

इसके बाद एक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें विजेताओं को रु 10 लाख के पुरस्कार दिए गए। ई.पी.आई.सी. सीज़न 4 के बारे में बात करते हुए चरणदीप सिंह, हैड ऑफ मार्केटिंग, टीवीएस क्रेडिट ने कहा, ‘‘ई.पी.आई.सी. प्रोग्राम एक विशेष पहल है जो युवा पेशेवरों को ऐसे माहौल में अनूठा प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराती है जो पारम्परिक अकादमिक अभ्यास से अलग हो और युवाओं को प्रतिस्पर्धा करने और अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का मौका दे। हमें खुशी है कि इस सीज़न बड़ी संख्या में प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया और हमें बहुत अच्छी प्रतियोगिता देखने को मिली।

’’ टीवीएस क्रेडिट में एक मैनेजमेन्ट ट्रेनी ने कहा, ‘‘टीवीएस क्रेडिट ई.पी.आई.सी. चैलेंज के सीज़न 2 पर काम करते हुए मुझे फाइनैंशियल इंडस्ट्री के प्रति रूचि पैदा हुई। मैं आगे और सीखना चाहता था और इस सेक्टर में काम करना चाहता था। ई.पी.आई.सी. चैलेंज के माध्यम से मुझे मेरी रूचि के क्षेत्र में सीधे इंटर्नशिप का ऑफर मिल गया। बाद में यह पीपीओ में बदल गया। आज मुझे खुशी है कि मैं अपनी इंटर्नशिप में शुरू किए गए इस प्रोजेक्ट को पूरा करने जा रहा हूं।’’

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