
लखनऊ। पीपुल्स यूनिटी फोरम, लखनऊ के तत्वावधान में उप्र पापुलेशन पालिसी 2021-30, पर एक चर्चा का आयोजन गूगल मीट पर किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता सोशलिस्ट चिंतक श्री रामकिशोर ने व संचालन एडवोकेट वीरेंद्र त्रिपाठी ने किया। चर्चा में बोलते हुए वक्ताओं ने कहा कि जनसंख्या वृद्धि इस देश की कोई समस्या नहीं है। समस्या है इस देश की व्यवस्था,जो इतनी विशाल श्रम शक्ति का उपयोग समाज हित की बजाए उसका शोषण कर चंद लोगों को अमीर बनाने में लगी हुई है।
अगर इस शोषण को रोक दिया जाए तो जनसंख्या के लिए जरूरी भोजन, मकान, कपड़ा, शिक्षा और स्वास्थ्य सभी कुछ आसानी से दिया जा सकता है। यदि शोषण नहीं रोका गया तो जनसंख्या चाहे जितनी कम क्यों न हो जाए, समस्या खत्म नहीं होगी। आज से 75 वर्ष पहले जब भारत की जनसंख्या 50 करोड़ के आसपास थी। लोगों की समस्याएं आज से भी ज्यादा भयंकर थी। क्या जनसंख्या कम होने से लोगों की समस्याओं को खत्म किया जा सकता है इसकी गारंटी कौन देगा?
वक्ताओं ने कहा कि यूपी सरकार द्वारा यह बिल नागरिकों के कल्याण के लिए नहीं लाया गया है। इस बिल में यह प्राविधान करना कि दो से अधिक बच्चों के परिवार से कल्याणकारी योजनाओं का लाभ छीन लिया जाएगा, उन्हें चुनाव लड़ने से वंचित कर दिया जाएगा और सुविधाएं भी खत्म करके उन्हें दोयम दर्जे का नागरिक घोषित कर दिया जायेगा। इससे इसका सीधा असर ग्रामीण आबादी, गरीब मेहनतकश आबादी पर पड़ेगा।
आबादी के इस हिस्से में हर धर्म के लोग हैं।इस तरह यह कानून आम नागरिकों के लोकतांत्रिक अधिकार छीनने का और सामाजिक विभाजन पैदा करने का और अन्ततः देश को और निर्मम तनाशाही की ओर ले जाने का कुत्सित प्रयास है। चर्चा में ओपी सिन्हा, वालेन्द्र कटियार, जय प्रकाश, अजय शर्मा, देवेंद्र वर्मा, केपी यादव, तबस्सुम सिद्दीकी सहित अन्य वक्ताओं ने अपनी बात रखी।
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