गठबंधन की राह पर कांग्रेस, प्रियंका गांधी बोलीं बीजेपी को हराने किसी से भी मिलाएंगे हाथ

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Congress on the path of alliance, Priyanka Gandhi said, will join hands with anyone to defeat BJP
कांग्रेस बीजेपी को हराने के लिए किसी से भी राजनीतिक दल से गठबंधन करने से पीछे नहीं हटेगी।

लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव में अभी तक अलग-थलग पड़ी कांग्रेस, अब अपने रौ में आती नजर आ रही है। अपने तीन दिवसीय दौर पर आई प्रियंका गांधी को एहसास हो गया है कि कांग्रेस अकेले दम पर बीजेपी को नहीं हरा सकती है। ऐसे में उसे गठबंधन की राजनीति का सहारा लेना पड़ सकता है। इसलिए प्रियंका गांधी ने रविवार को ​बीजेपी विरोधी दलों को गठबंधन का खुला आफर देतीं हुई बोलीं वह बीजेपी को हराने के लिए किसी से भी हाथ मिला सकती है।

प्रियंका गांधी ने रविवार को एक कार्यक्रम के दौरान बोलीं कि कांग्रेस विधानसभा चुनाव 2022 में बीजेपी को हराने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है। आपकों बता दें कि कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव तथा उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका वाड्रा इन दिनों लखनऊ के तीन दिवसीय दौरे पर हैं। लखनऊ दौरे पर तीसरे दिन रविवार को उन्होंने पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में बैठक में साफ कहा कि कांग्रेस का लक्ष्य उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव 2022 में भाजपा को हराना है। कांग्रेस अपने इस लक्ष्य को पाने के लिए किसी भी हद तक जाएगी, किसी से भी राजनीतिक गठजोड़ भी करेगी।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका शुक्रवार से लखनऊ में हैं, वह शनिवार को लखीमपुर भी गई और वहां से वापसी के बाद फिर से लखनऊ में उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्यालय में बैठक में जुट गईं। रविवार को भी प्रियंका वाड्रा पहले पार्टी के वरिष्ठ नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी के आवास पर गई और फिर पार्टी मुख्यालय में आकर बैठक प्रारंभ की।प्रियंका ने बैठक में कहा कि उत्तर प्रदेश में 2022 के शुरुआती महीने में होने वाले विधानसभा चुनाव में हमारा लक्ष्य भाजपा को हराना है। पार्टी के कार्यकर्ताओं से कहा कि आप सभी लोग अपने लक्ष्य में लग जाएं। प्रियंका ने कहा कि भाजपा को उत्तर प्रदेश में हराने के लिए हम तो किसी भी किस्म के राजनीतिक गठजोड़ के लिए तैयार हैं।

कौन मिलाएगा हाथ से हाथ

प्रियंका गांधी द्वारा दिए गए खुले आफर से प्रदेश की राजनीति में भूचाल आ सकता है। आपकोंं बता दें कि इससे पहले सपा-कांग्रेस के गठबंधन ने कोई कमाल नहीं ​दिखाया था। वहीं चुनाव के परिणाम के बाद से ही सपा-कांग्रेस में दूरी बननी शुरू हो गई थी। वहीं बसपा प्रमुख मायावती ने कुछ दिन पहले अकेले दम पर मैदान मारने का ऐलान कर चुकी है। अब बचे छोटे दल ओवैसी और राजभर सरीखे वोट कटवा लोग जो अगर कांग्रेस से हाथ मिलाएंगे तो इसका सीधा असर बसपा और सपा के वोट पर पड़ेगा। फिलहाल यह राजनीति है यहां कुछ भी हो सकता है। वैसे भी इस समय सभी दलों का एक ही लक्ष्य है बीजेपी को हराना है, इसलिए कोई भी किसी से हाथ मिला सकता है।

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