नई दिल्ली। रविवार को उस समय बड़ी खबर आई जब तुर्किए के राष्ट्रपति ने एलान किया कि उनकी सेना के हमले में आईएस का सरगना मारा गया। अगर यह दावा सच हुआ आतंक के एक और अध्याय का अंत माना जाएगा।तुर्किए के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने बताया कि तुर्किए की खूफिया सिक्योरिटी फोर्सेस के साथ मुठभेड़ में खूंखार आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट का संदिग्ध सरगना अबु हुसैन अल कुरैशी मारा गया है। तुर्किए की खूफिया सिक्योरिटी फोर्सेस और आईएस आतंकियों के बीच सीरिया में मुठभेड़ हुई, जिसमें आईएस सरगना ढेर हो गया। एर्दोगन ने बताया कि तुर्किए की खूफिया फोर्सेस लंबे समय से आईएस सरगना के खिलाफ ऑपरेशन चला रहीं थी।
सीरिया के जानदारिस में हुई मुठभेड़
तुर्किए के मीडिया के अनुसार, यह मुठभेड़ सीरिया के जानदारिस इलाके में हुई। यह इलाका तुर्किए के प्रभाव वाला माना जाता है और तुर्किए समर्थित विद्रोही संगठन इस इलाके में मजबूत हैं। बीती छह फरवरी को आए भूकंप में यह इलाका भी प्रभावित हुआ था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, तुर्किए के सुरक्षा बलों और विरोधी सीरियन नेशनल आर्मी के बीच शनिवार की रात मुठभेड़ शुरू हुई थी, जो कुछ घंटे चली। मुठभेड़ के बाद इस पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी गई है।
खुद को घोषित किया था खलीफा
अल कुरैशी बीते साल नवंबर में ही इस्लामिक स्टेट का सरगना बना था। इस्लामिक स्टेट ने साल 2014 में इराक और सीरिया के कुछ हिस्सों पर अपना कब्जा कर वहां खलीफा कानून को लागू कर दिया था। आईएस के सरगना अबु बकर अल बगदादी ने खुद को खलीफा घोषित कर दिया था। हालांकि अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के साथ लड़ाई में आईएस का अधिकार क्षेत्र सिमटता गया। हालांकि अभी भी हजारों आतंकी सीरिया और इराक के विभिन्न इलाकों में छिपे हुए हैं। अमेरिका समर्थित फौजें और कुर्दिश समर्थित फौजें अभी भी आईएस आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन चला रही हैं।
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