- नईदिल्ली। वह इंसान जो एक समय पाकिस्तान को अपनी मुठ्ठी में लेकर चलता था,जिसको लोग हीरो मानते थे, जिसकी वजह भारत पाकिस्तान में कारगिल युद्ध के बाद जो खाई पैदा हुई वह आज तक नहीं भरी और पाकिस्तान लगातार तबाही की ओर बढ़ रहा हैं वह जब दुनिया जब रूख्सत हुआ तो उस पर देशद्रोही का ठप्पा लग गया। और एक बेगाने देश में अंतिम सास ली।
दिल्ली में पैदा हुआ था मुशर्रफ
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और तानाशाह परवेज मुशर्रफ का रविवार को निधन हो गया है। उन्होंने दुबई के अस्पताल में अंतिम सांस ली। मुशर्रफ 79 वर्ष के थे और अमाइलॉइडोसिस जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे। परवेज मुशर्रफ का जन्म 11 अगस्त 1943 को दिल्ली के दरियागंज इलाके में हुआ था। इसे दिल्ली का पुराना हिस्सा कहा जाता है। दादा टैक्स कलेक्टर थे। पिता भी ब्रिटिश हुकूमत में बड़े अफसर थे। मां अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पढ़ाती थीं। मुशर्रफ परिवार के पास पुरानी दिल्ली में एक बड़ी कोठी थी। अपने जन्म के चार साल बाद तक मुशर्रफ ज्यादातर यहीं रहे। 1947 में भारत विभाजन के कुछ दिन पहले ही उनके पूरे परिवार ने पाकिस्तान जाने का फैसला किया। उनके पिता पाकिस्तान सरकार में काम करते थे।
तख्तापलट कर बने राष्ट्रपति
साल 1998 में परवेज मुशर्रफ जनरल बने। इसके बाद भारत के खिलाफ कारगिल जैसे दुर्गम स्थान से युद्ध की साजिश रची। लेकिन भारत के बहादुर सैनिकों ने उनकी हर चाल पर पानी फेर दिया। अपनी जीवनी ‘इन द लाइन ऑफ फायर – अ मेमॉयर’ में जनरल मुशर्रफ ने लिखा कि उन्होंने कारगिल पर कब्जा करने की कसम खाई थी। लेकिन नवाज शरीफ की वजह से वो ऐसा नहीं कर पाए।
1999 से 2008 तक पाकिस्तान पर शासन करने वाले 79 वर्षीय जनरल मुशर्रफ पर राजद्रोह का आरोप लगाया गया था और 2019 में संविधान को निलंबित करने के लिए मौत की सजा दी गई थी। बाद में उनकी मौत की सजा को निलंबित कर दिया गया था। 2020 में लाहौर उच्च न्यायालय ने मुशर्रफ के खिलाफ नवाज शरीफ सरकार द्वारा की गई सभी कार्रवाइयों को असंवैधानिक घोषित कर दिया था, जिसमें उच्च राजद्रोह के आरोप पर शिकायत दर्ज करना और एक विशेष अदालत के गठन के साथ-साथ इसकी कार्यवाही भी शामिल थी।
बता दे कि1998 में रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने परवेज मुशर्रफ को सेना प्रमुख बनाया था। लेकिन एक साल बाद ही 1999 में जनरल मुशर्रफ ने नवाज शरीफ का तख्तापलट कर दिया और पाकिस्तान के तानाशाह बन गए। उनके सत्ता संभालते ही नवाज शरीफ को परिवार समेत पाकिस्तान छोड़ना पड़ा था।
इस बीमारी से मरा मुशर्रफ
पूर्व तानाशाह परवेज मुशर्रफ को अमाइलॉइडोसिस नाम की बीमारी थी। ये बीमारी तब होती है जब शरीर में अमाइलॉइड नाम का प्रोटीन बनने लगता है। यह अमाइलॉइड प्रोटीन शरीर के अंगों को ठीक से काम करने से रोकता है। इस बीमारी से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले अंगों में हृदय, किडनी, लीवर, स्प्लीन, नर्वस सिस्टम और पाचन तंत्र शामिल हैं। कई बार अमाइलॉइडोसिस कुछ अन्य बीमारियों के साथ भी होते हैं। इसके चलते पूरा शरीर कमजोर हो जाता है। धीरे-धीरे शरीर का एक-एक अंग काम करना बंद कर देता है।
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