लखनऊ। नागरिक परिषद के संयोजक रहे सोशल एक्टविस्ट राम कृष्ण की स्मृति में मदर सेवा संस्थान के तत्वावधान में वाल्मीकि रंगशाला में नवीनतम नाट्य प्रस्तुति “अंतर्द्वंद” का मंचन किया गया जिसकी परिकल्पना, लेखन, निर्देशन और अभिनेता के रूप में महेश चंद्र देवा ने किया है।
नाट्य प्रस्तुति के पूर्व उपस्थित लोगों ने पुष्पांजलि अर्पित कर रामकृष्ण के जीवन संघर्ष को याद किया। आल इंडिया वर्कस कौंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओ. पी. सिन्हा ने रामकृष्ण के संघर्ष यात्रा पर विस्तृत प्रकाश डाल। कार्यक्रम का संचालन डा. नरेश कुमार ने किया।
समाज को बदलने की मुहिम
एकल नाट्य कृति में दिखाया गया है कि भगत नाम का व्यक्ति जो एक सीधा साधा गांव से शहर आया लेकिन विचारों के बीच में अंतर्द्वंद में फंसा होता है एक तरफ जहां वह भगत सिंह की विचारधारा में समाज को बदलने की मुहिम को लेकर चलता है तो दूसरी तरफ व्यवस्था और लोगों के ताने-बाने में इस तरह उलझ जाता है कि भगत व्यवस्था का एक छोटा सा मोहरा बन जाता है।
नाटक में भगत, भगत सिंह के विचारों को मंच पर दिखाने का प्रयास करता है,अभिनेता बहुत साफगोई से समाज के छोटे-छोटे बिंदुओं को समेटने का भी प्रयास करता है और फिर वह उन्हीं विचारों के अंतर्द्वंद में घिर जाता है कि हम कहां है ? हम बदले या बदल दे?
खुद ही दर्शकों में सवाल खड़ा करता है
नाटक ऐसे मोड़ पर खड़ा हो जाता है कि वह खुद ही दर्शकों में सवाल खड़ा करता है कि आपको क्या करना चाहिए ? समय परिस्थितियों को देखते हुए व्यक्ति व्यक्तिवादी होता जा रहा है वह मानवीय संवेदनाएं, मूल्यों को दरकिनार करता जा रहा है।भगत के चरित्र को महेश चंद्र देवा ने अपने दमदार अभिनय से बखूबी जीवंत किया। नाट्य प्रस्तुति में रंगदीपन – तमाल बोस संगीत, श्रीकांत गौतम,
रूपसज्जा – सहीर, वेशभूषा – ऋतिक शाक्य, मंच निर्माण एवं प्रॉपर्टी- मो.सैफ /मो.अमन, फोटोग्राफी – अजय कुमार, वीडियोग्राफी – विनय सिंह तोमर, प्रस्तुति नियंत्रक- किरन लता की रही।इस अवसर पर एडवोकेट वीरेंद्र त्रिपाठी, के. के. शुक्ला, अजय शर्मा, डा. अमित राय, राबिन, सी. एम. शुक्ला, प्रभात सिंह, श्रीकृष्ण सिंह, ज्योति राय, लता राय, मन्दाकिनी, रोहित कुमार, हरिश्चंद्र, सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
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