गाजियाबाद।यूपी के गाजियाबाद पुलिस ने पांच साल की बच्ची से दुष्कर्म करने वाले ओरोपी को आज कोर्ट से फांसी की सजा दिलाकर काबिले तारिफ काम किया।आरोपी के गिरफ्तारी से साक्ष्य एकत्र करना और कोर्ट में पेश करने के लिए पुलिस ने लगातार मेहनत की जिसका नतीजा यह हुआ कि कोर्ट ने मात्र 65 दिन में आरोपी को फांसी की सजा सुना दी।
यह मामला साहिबाबाद थाना क्षेत्र के सिटी फॉरेस्ट इलाके में कच्ची कॉलोनियां हैं। यहां एक राजमिस्त्री का परिवार रहता है। इस परिवार की 5 साल की बेटी एक दिसंबर 2022 को घर के बाहर खेल रही थी। अचानक वो संदिग्ध परिस्थिति में लापता हो गई। 2 दिसंबर 2022 को उसकी लाश घर से 150 मीटर दूर पड़ी मिली। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में रेप की पुष्टि हुई थी। 7 दिसंबर 2022 को पुलिस ने इस वारदात का खुलासा करते हुए सोनू गुप्ता को गिरफ्तार किया।
हैवान बन गया था सोनू
पुलिस पूछताछ में आरोपी सोनू ने बताया कि वह पेशे से मजदूर है।और नंदग्राम थाना क्षेत्र में 40 फुटा आश्रम रोड ब्रजनगरी का रहने वाला है। वह एक छात्रा का पीछा करते हुए सिटी फॉरेस्ट में पहुंचा था। यहां उसको ये बच्ची घर के बाहर खेलते हुए मिल गई। इसके बाद उसने इस बच्ची को उठाया और एक सुनसान जगह ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। फिर रस्सी से गला घोंटकर हत्या कर दी।
अदालत में रोज हुई सुनवाई
विशेष लोक अभियोजक संजीव बखरवा ने बताया कि पुलिस ने इस जघन्य अपराध में 15 गवाह बनाए थे। फास्ट ट्रैक कोर्ट की तर्ज पर इस केस में प्रतिदिन सुनवाई हुई। इसका नतीजा ये रहा कि पुलिस के चार्जशीट पेश करते ही अदालत ने इस फाइल का त्वरित संज्ञान लिया और हर रोज सुनवाई हुई। एक हफ्ते पहले इस केस की सुनवाई पूरी हो चुकी थी। कोर्ट ने 3 फरवरी 2022 को सोनू को दोषी करार दिया था। 4 फरवरी यानी शनिवार को पॉक्सो कोर्ट के न्यायाधीश अमित कुमार प्रजापति ने सोनू गुप्ता को फांसी की सजा सुनाई है।
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