जयपुर।Bus caught fire मंगलवार दोपहर राजस्थान के जैसलमेर में हुए दिल दहलाने वाले हादसे में बीस लोगों की जान चली गई। यह हृदय विदारक दृश्य जिसने भी देखा वह कभी भूल नहीं पाएगा, कई लोगों को तो कई रातें नींद नहीं आएगी ।अब जिम्मेदार इस हादसे की वजह खोजने में जुटे हुए है। फिलहाल आशंका जताई जा रही है, बस में अवैध रूप से पटाखों का परिवहन किया जा रहा था, जो हादसे की वजह बना। वहीं राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर दुख जताया।
जैसलमेर-जोधपुर हाईवे पर दोपहर करीब 3:30 बजे एक चलती एसी स्लीपर बस में भीषण आग लग गई। इस हादसे में एक ही परिवार के 5 सदस्यों समेत 20 यात्रियों की जिंदा जलने से मौत हो गई, जबकि 15 से ज्यादा लोग झुलस गए, जिनका जोधपुर में इलाज चल रहा है। हादसे के समय बस में लगभग 40 यात्री सवार थे। सभी शवों को जोधपुर भिजवाया गया है। कलेक्टर प्रताप सिंह ने बताया कि मृतकों की पहचान के लिए उनके दो निकटतम परिजनों के DNA सैंपल लिए जा रहे हैं।
पुरानी एंबुलेंस से हुई समस्या
हादसे के घायलों को ग्रीन कॉरिडोर बनाकर जोधपुर लाया गया, लेकिन परिवहन की व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। घायल यात्रियों के परिजनों ने आरोप लगाया है कि एम्बुलेंस की हालत बेहद खराब थी। घायल मगन के परिजन ने बताया कि सेना, प्रशासन और पुलिस ने हरसंभव मदद की, चप्पे-चप्पे पर फोर्स तैनात थी, लेकिन एंबुलेंस की हालत देखकर निराशा हुई। घायल कंडक्टर रफीक के भाई ने बताया मरीज को एंबुलेंस में डालने के बाद पहले डीजल भरवाया गया फिर ओटीपी आने का इंतजार किया। इसके बाद भी एंबुलेंस की रफ्तार बहुत धीमी थी और उसमें लाइट तक नहीं थी। उन्होंने बताया कि उन्होंने अपनी कार की टेल लाइट से एंबुलेंस को रास्ता दिखाया, ताकि मरीज सुरक्षित अस्पताल पहुंच सकें। परिजनों की मांग है कि एम्बुलेंस सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार हो, ताकि भविष्य में ऐसी लापरवाहियों से किसी की जान न जाए।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार हादसे का शिकार बस केके ट्रैवल्स की थी, जिसे 1 अक्टूबर 2025 को रजिस्टर किया गया था और 9 अक्टूबर को ऑल इंडिया परमिट जारी हुआ था। यह बस मात्र चौथे फेरे पर थी और इतनी जल्दी बस का जलकर खाक हो जाना, कई सवाल खड़े करता है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार बस मॉडिफाइड थी लेकिन उसमें न तो इमरजेंसी एग्जिट गेट था और न ही विंडो तोड़ने के लिए हैमर। इस लापरवाही के कारण लोग बाहर नहीं निकल सके और बस के अंदर ही फंस गए। हादसे की भयावहता का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि कई शव एक-दूसरे के ऊपर चिपके हुए मिले हैं।
ग्रीन कॉरिडोर बनाकर जोधपुर लाए घायल
हादसे में गंभीर रूप से झुलसे 16 लोगों को तुरंत ग्रीन कॉरिडोर के जरिए जोधपुर भेजा गया। करीब 275 किलोमीटर लंबा यह कॉरिडोर सेना, पुलिस और प्रशासन की मदद से तैयार किया गया। इस दौरान एक बुजुर्ग की रास्ते में ही मौत हो गई। हादसे में घायल एक युवक आशीष दवे अपनी मंगेतर के साथ जैसलमेर प्री-वेडिंग शूट के लिए गया था। उनकी 11 नवंबर को शादी होनी थी। दोनों बस के आगे बैठे थे, इसलिए समय रहते बाहर निकल पाए। हालांकि, आशीष की आंखों की रोशनी प्रभावित हुई है। हादसे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपए और घायलों को 50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। पीएम ने सोशल मीडिया पर लिखा कि “जैसलमेर हादसे से मन व्यथित है।”
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