FRS बंद करो ! सभी लाभार्थियों को बिना शर्त पोषाहार उपलब्ध कराओ ! आंगनवाड़ी वर्कर्स को प्रताड़ित करना बंद करो ! : उत्तर प्रदेश आंगनवाड़ी कर्मचारी यूनियन
लखनऊ 22 जून 2025 । भारत सरकार का आंगनवाड़ी के लाभार्थियों का फेस रिकॉग्निशन सिस्टम (FRS) एक बहुत ही अव्यवहारिक व्यव्स्था है. इसके अंतर्गत लाभार्थी को आंगनबाड़ी केंद्र पर आकर अपने आधार और चेहरे का अर्थात दोहरा सत्यापन अपनी मोबाईल नंबर से कराना होगा. आधार सत्यापन बहुत मुश्किल होता है क्योंकि अधिकांश परिवारों में एंड्राइड मोबाइल नहीं होता और अगर होता भी है तो घर के किसी एक व्यक्ति या उसके मुखिया के पास होता है। वह व्यक्ति अगर घर पर नहीं है तो ओटीपी नहीं मिल सकता। बहुत बार जो मोबाईल नंबर आधार मे दिया है वो अभी कार्य नहीं कर रहे है या जिनके पास वो मोबाईल नंबर है वो प्रवासी होकर राज्य से बाहर है।
दूसरी बात यह की ओटीपी के फ्रॉड के कारण लाभार्थियों के पैसे बैंक से निकल गए जिस कारण वह ओटीपी देने से संकोच करते हैं. आंगनवाड़ी वर्कर के पास भी ना तो अच्छी क्वालिटी का एंड्राइड मोबाइल है और ना ही गांव में इंटरनेट की कनेक्टिविटी है जिस कारण सत्यापन करने में कभी-कभी कई घंटे लग जाते हैं इस कारण से आंगनवाड़ी वर्कर को लाभार्थियों और समाज का गुस्सा और आक्रोश झेलना पड़ रहा है. इस स्थिति में जब वर्कर लाभार्थी को बुलाने घर जाती हैं या ओटीपी मांगती है तो परिवार आक्रामक हो जाता है या नाराज हो जाता है . आंगनवाड़ी वर्कर के साथ लड़ाई झगड़ा और हमले की घटनाएं लगातार घट रही है.
सरकार का इतना जुल्म है कि शत प्रतिशत FRS की मांग कर रहे हैं और ऐसा न होने पर अधिकारी आंगनवाड़ी वर्कर का मानदेय रोक रहे हैं और केंद्र सरकार के आदेश से नौकरी से निकालने की धमकी और नोटिस दे रहे है। pmmvy के तहत मातृत्व लाभ के लिए भी अभी केवाईसी जरूरी है।
केंद्र सरकार मात्र साढ़े चार हजार मानदेय देती है. इसके अतिरिक्त चिकित्सा की व्यवस्था नहीं है सुरक्षा की गारंटी नहीं है
अभी 19 जून को शाहजहांपुर में यह दुखद और निंदनीय घटना घटी .जनपद शाहजहांपुर की बाल विकास परियोजना ददरौल के केंद्र हरनोखा की कार्यकत्री रामगुनी केवाईसी करने के लिए गर्भवती लाभार्थी को बुलाने उसके घर पर गयी थी, गर्भवती महिला के पति के द्वारा डंडे मार कर आंगनबाड़ी वर्कर को गंभीर चोट पहुंचाई गई है जिनको जिला अस्पताल रेफर किया गया है,
उपलब्ध खबर के अनुसार आंगनवाड़ी वर्कर अभी भी बेहोश है और अस्पताल में भर्ती है. यह बहुत निंदनीय है. जहां एक तरफ गांव वालों का व्यवहार निंदनीय है दूसरी तरफ सरकार का यह रवैया भी बहुत अविवेकपूर्ण है .
उत्तर प्रदेश आंगनवाड़ी कर्मचारी यूनियन मांग करती हैं कि
अपराधी को तुरंत अरेस्ट करे और कड़ी कार्यवाही करे। आंगनवाड़ी कर्मी के इलाज का पूरा खर्च सरकार उठाए और उनको उचित मुआवसा दे।
FRS पर तुरंत रोक लगाई जाए जो खाद्य सुरक्षा कानून का उल्लंघन है
सरकारी नीतियों कमी का खामियाज़ा वर्कर को भुगतना पड़ रहा है.
आंगनवाड़ी केंद्र की सेवाएं भोजन का अधिकार कानून के अंतर्गत उपलब्ध कराई जा रही है इन पर सरकारी अड़चन लगाकर लाभार्थियों को विशेष कर बच्चों और गर्भवती महिलाओं को लाभ से वंचित किया जा रहा है. ये घोर निंदनीय है.
सरकार FRS पर तुरंत रोक लगाए एवं आंगनबाड़ी केदो पर गुणवत्तापूर्ण पोषाहार की नियमित उपलब्धता सुनिश्चित कराये.
उत्तर प्रदेश सरकार जो देश मे सबसे कम वेतन आंगनवाड़ी कर्मी को दे रहे है, उनको न्यूनतम वेतन, सामूहिक सुरक्षा एवं काम की स्थल पर सुरक्षा प्रदान करे ।
उत्तर प्रदेश आंगनवाड़ी कर्मचारी यूनियन प्रदेश की सभी आंगनवाड़ी वरकरों से अपील करते है की इस घटना का विरोध करे ।