22 जून 2025, लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में 5000 सरकारी स्कूलों को क्लोजर-मर्जर की नीति के तहत बंद करने के निर्णय पर ऑल इण्डिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन (एआईडीएसओ) के उत्तर प्रदेश राज्य सचिव दिलीप कुमार ने प्रेस बयान जारी करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार की कड़ी आलोचना की है और इस निर्णय को घोर जन विरोधी और पूंजीपतिपरस्त कहा है।
उन्होंने आगे कहा कि, सरकार यह निर्णय अकस्मात नहीं ले रही है। सरकारी स्कूलों को बंद करने और शिक्षा के निजीकरण, व्यापारीकरण, व्यवसायीकरण, सांप्रदायीकरण व केंद्रीयकरण को बढ़ावा देने की कवायद बीते कई सालों से चल रही है। जिसकी ब्लू प्रिंट “नई शिक्षा नीति – 2020” को कोरोना काल में ही लागू कर दिया गया था। परिणामस्वरूप देश भर में लाखों सरकारी स्कूलों को बंद करने और पूंजीपतियों को शिक्षा के क्षेत्र में मुनाफा लूटने की खुली छूट मुहैया कराने की दिशा में सरकार आगे बढ़ रही है। उत्तर प्रदेश में भी “बेटी पढ़ाओ – बेटी बचाओ” का नारा देने वाली भाजपा की डबल इंजन की जन विरोधी सरकार कैसे पीछे रह सकती है ! जहां सरकार को सार्वजनिक शिक्षा को मजबूत करना चाहिए था, वहां उल्टे उसका सत्यानाश करने पर तुली हुई है। जो गरीब व असहाय बच्चे किसी तरह अपने गांव के सरकारी स्कूल से शिक्षा प्राप्त कर पाते हैं, वे बच्चे अपने घर से दूर किसी दूसरे स्कूल में पढ़ने कैसे जा पाएंगे ? जाहिर है कि स्कूल कम हो जायेंगे, शिक्षकों की भर्तियां भी बंद हो जायेगीं तथा शिक्षित बेरोजगारों की संख्या और बढ़ेगी । इन सबके बारे में सरकार को कोई चिंता नहीं है। हास्यापद है कि, जहां सरकारी स्कूलों को बंद किया जा रहा है वहीं शराब की दुकानें धड़ल्ले से खोली जा रही हैं। क्या ऐसे ही, देश को विश्वगुरु बनाया जाएगा।
छात्र संगठन- एआईडीएसओ हमेशा से ही निःशुल्क, जनवादी, वैज्ञानिक व धर्मनिरपेक्ष शिक्षा पद्धति लागू करने की मांग को लेकर संघर्षरत रहा है। एआईडीएसओ लगातार नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, क्लोजर-मर्जर नीति, सेमेस्टर प्रणाली, फीस वृद्धि, निजीकरण, व्यापारीकरण, शिक्षकों भर्ती न होने सहित अन्य शैक्षणिक समस्याओं के खिलाफ “Save Public Education” के नारे के साथ आंदोलनरत है।
इसलिए महंगी होती शिक्षा और निजीकरण – व्यापारीकरण के इस काले दौर में गरीबों – मजलूमों के बच्चों के लिए शिक्षा प्राप्त करने की बची खुची आखिरी आस – सरकारी स्कूलों पर बढ़ते हमले किसी भी कीमत पर स्वीकार्य नहीं है। अतः हम मांग करते हैं कि, उत्तर प्रदेश सरकार 5000 सरकारी स्कूलों को मर्ज करने के निर्णय को तुरंत वापस ले और सार्वजनिक शिक्षा को मजबूत करने के लिए ठोस कदम उठाए। अन्यथा छात्र संगठन – एआईडीएसओ प्रदेशव्यापी छात्र आन्दोलन के लिए बाध्य होगा।