12 जुलाई 2024, लखनऊ। उ. प्र. रोडवेज संविदा कर्मचारी संघ के अध्यक्ष होमेंद कुमार मिश्रा ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि बर्खास्त संविदा परिचालक आज परिवार सहित आर्थिक एवं मानसिक उत्पीड़न झेल रहे है। पूर्व में कई लोगों ने आत्महत्या भी कर ली है। उन्होंने बताया कि हम सबने वर्षों तक विभाग की सेवा की और अब इस उम्र में हम सबके पास नौकरी का दूसरा विकल्प भी नहीं है। महामंत्री सन्तोष कुमार शुक्ला ने कहा कि
सन् 2014 मे न्यायालय द्वारा चालक/परिचालक की भर्ती पर रोक लगाया गया था फिर भी विभाग द्वारा वाह्य स्त्रोतों से भर्ती की जा रही है, जिसे तत्काल प्रभाव से भर्ती को रोका जाये।
उन्होंने बताया कि परिवहन निगम द्वारा आर्बिटेशन एक्ट के तहत क्षेत्रीय प्रबन्धक स्तर पर आर्बिटेशन एक्ट का उल्लघंन करते हुये मनमाने ढंग से चालको एवं परिचालकों के विरूद्ध एक पक्षीय निर्णय लिया जा रहा है। इसको तत्काल प्रभाव से रोक कर पूर्व में निकाले गये सभी भूतपूर्व चालको एवं परिचालकों एक नवीन अवसर देकर बहाल किया जाये।
जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि बर्खास्त रोडवेज परिचालक अपनी मांगों को लेकर 05 अगस्त 2024 को एक दिवसीय धरना प्रदर्शन उ. प्र. परिवहन निगम मुख्यालय पर आयोजित करेंगे।
अध्यक्ष होमेंद कुमार मिश्रा ने कहा कि 05 अगस्त 2024 तक हमारी मांगे नहीं पूरी होती है तो वे लोग अनिश्चित कालीन धरने के लिए बाध्य होगे, जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदार निगम प्रबन्धन एवं शासन प्रशासन की होगी।
उन्होंने बताया कि अपनी मांगों को लेकर उनके संगठन ने प्रमुख सचिव, उ०प्र० शासन, लखनऊ, प्रमुख सचिव, परिवहन, उ०प्र० शासन, लखनऊ, प्रबन्ध निदेशक, राज्य सड़क परिवहन निगम, टेड़ी कोठी, लखनऊ सहित अन्य उच्चाधिकारियों को पत्र भेज कर उ०प्र० राज्य सड़क परिवहन निगम के बर्खास्त संविदा परिचालकों का एक अवसर प्रदान करते हुए पुनर्बहाल करने की मांग किया गया है।
मांगे –
1. यह कि सभी बर्खास्त संविदाकर्मी लम्बे समय से निगम में कार्यरत थे से अधिकांश की आय एवं लोड फैक्टर सामान्य से काफी अच्छा रह इनके कार्यों से निगम को काफी लाभ भी होता था। फिर भी सुनवाई इनके साथ न्याय नहीं किया गया। छोटे-छोटे आरोपों को आधार क इन्हें सेवा से पदच्युत कर दिया गया।
2. परिवहन निगम मुख्यालय पत्रं सं०-5233/सीईएनटी/07 दिनांक 19 सिन 2007 द्वारा प्रबन्ध निदेशक ने संविदाकर्मियों के समस्या के समाधान की एक पूरी व्यवस्था तय की थी लेकिन हम लोगों के सम्बंध में इस व्यवस्था का अनुपालन नहीं किया गया और सहायक क्षेत्रीय प्रबन्धा स्तर पर हमारी संविदा समाप्त करने का आदेश कर दिया गया।
3. इसी संदर्भ में मा० विधान परिषद् सदस्य श्री सुभाष चन्द्र शर्मा जी द्वारा में पूछे गये प्रश्न के जवाब में तत्कालीन मा० परिवहन मंत्री जी द्वारा यह दिया गया था कि सम्बन्धित परिचालक के विरूद्ध आर्थिक दण्ड लेकर प्रब का निस्तारण किया गया। इस आधार पर कई परिचालकों की संविदा क हुई (आदेश की प्रति संलग्न) लेकिन हम अधिकांश परिचालकों को इसका लाभ नहीं मिला। नियमों के होते हुए भी लम्बे समय से हम परिचालकों की संविदा बहाली नहीं हो पाई है।