प्रयागराज। पूरे देश को हिलाकर रख देने वाले Bikaru incident में आरोपी रहे एसओ विनय तिवारी को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पांच साल बाद सशर्त जमानत दे दी है। यह उनकी दूसरी जमानत थी। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ की पीठ ने दिया। आरोपी पांच साल से जेल में हैं। उन्होंने जमानत के लिए दूसरी जमानत अर्जी दाखिल की थी।
विनय के वकील ने दलील दी कि पहली जमानत अर्जी 21 सितंबर 2021 को खारिज कर दी गई थी। आरोपी आठ जुलाई 2020 से जेल में है। कानपुर नगर के चौबेपुर थाने में दर्ज बिकरू कांड में 30 सितंबर 2020 को आरोप पत्र दाखिल किया गया था। ट्रायल में 102 अभियोजन गवाह हैं। इनमें से लगभग 13 का ही परीक्षण हुआ है। आरोपी विनय के खिलाफ जांच अधिकारी ने कोई विश्वसनीय साक्ष्य नहीं जुटाया है। जिससे साबित हो कि उन्होंने मुख्य अभियुक्त विकास दुबे को पुलिस के छापे के बारे में जानकारी दी थी। कोर्ट ने पक्षों को सुनने के बाद सशर्त जमानत अर्जी स्वीकार कर ली।
पहले को छोड़कर दूसरे के साथ गई, उससे भी पेट भर गया तो तीसरे के लिए दो लाख रुपये में करा दी हत्या