रायबरेली से नहीं ​बल्कि यहां से चुनाव लड़ेंगी प्रियंका गांधी, कांग्रेस ने बनाई रणनीति

नई दिल्ली। एक तरफ जहां भाजपा यूपी 80 सीटें जीतने के लिए रणनीति बना रहीं हैं, वहीं कांग्रेस हाईकमान एक के बाद एक यूपी की सीट छोड़ती जा रही है। पहले राहुल गांधी वायनाड गए, इसके बाद सोनिया गांधी ने रायबरेली छोड़कर राजस्थान राज्यसभा चलीं गई,इसके बाद कांग्रेसी उम्मीद लगा रहे थे, कि प्रियंका गांधी रायबरेली से चुनाव लड़ेंगी,इस बीच यह खबर आई कि वह दमन दीव से चुनाव लड़ सकती है। दमन और दीव में कांग्रेस अध्यक्ष केतन पटेल ने इसकी संभावना जताई है।

हाईकमान ने तैयारी के दिए निर्देश

प्रियंका गांधी वाड्रा के चुनाव लड़ने को लेकर कई बार से चर्चाएं होती रहीं हैं, मगर वह अभी तक प्रत्याशी के रूप में मैदान में नहीं आईं हैं। पार्टी ने हाल ही में संगठन में उनका महासचिव का पद बरकरार रखते हुए उन्हें उत्तर प्रदेश प्रभारी के दायित्व से मुक्त कर दिया था। इससे साफ संकेत हैं कि लोकसभा चुनाव 2024 में वह उम्मीदवार बनेंगी। कहा जा रहा था कि वह रायबरेली से चुनाव लड़ सकती हैं, लेकिन अब दमन-दीव को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं।

रायबरेली से रहा है खास लगाव

रायबरेली से सोनिया गांधी के अलावा इंदिरा गांधी और फिरोज गांधी भी चुनाव लड़कर लोकसभा गए थे। इस लिहाज से प्रियंका के लिए रायबरेली सबसे मुफीद सीट हो सकती है। सन् 1999 लोकसभा चुनाव के बाद 2004, 2006 (उपचुनाव), 2009, 2014 और 2019 में जीतने वाली सोनिया गांधी रायबरेली से अजेय हैं।राजनीतिक मोर्चे की बात करें तो शुरू में प्रियंका इससे काफी दूर रहीं। साल 2004 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने जरूर अपनी मां सोनिया गांधी के प्रचार का प्रबंधन संभाला था पर राजनीति में सक्रिय नहीं हुईं। 2007 में विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के लिए प्रचार किया पर अमेठी-रायबरेली तक ही सीमित रहीं।

धीरे-धीरे आगे बढ़ रहीं प्रियंका

अगर प्रियंका के राजनीतिक सफर की बात करें तो वह धीरे-धीरे आगे बढ़ रहीं है। वैसे तो वह 2024 से वह राजनीति में इंट्रेस्ट रखने लगी। पहले मां के लिए फिर कांग्रेस के लिए प्रचार करने लगी। 2009 में वह कांग्रेस पार्टी से आधिकारिक रूप से नहीं जुड़ी थीं। 2012 में कांग्रेस ने उन्हें स्टार प्रचारक के रूप में उतारा। 2014 के लोकसभा चुनाव में फिर उन्होंने कांग्रेस का साथ स्टार प्रचारक के रूप में दिया और 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवारों के लिए सीमित दायरे में ही प्रचार किया। अगले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने पूर्वी उत्तर प्रदेश का महासचिव बना दिया और वह सक्रिय राजनीति में आ गईं। हालांकि, प्रियंका गांधी ने अब तक कोई चुनाव नहीं लड़ा है।

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