राम के आदर्शो से आएगा रामराज्य, हर ओर होगी खुशहाली…

1370
मर्यादा पुरुषोत्तम राम के चरित्र दर्शन करें तो १४ कला एवं विशेषताओं से संपूर्ण जिनमें १४ कला संपूर्ण, संपूर्ण अहिंसक, सहनशीलता की मूर्ति, कर्तव्यनिष्ठ, धैर्यता, सौम्यता, मधुरता, पवित्रता, दिव्यता के धनी, करुणा एवं दया, निरंहकारिता से भरपूर्ती के दर्शन होते हैं।

लखनऊ। जय श्री राम के नाम में इतनी शक्ति है कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के भक्तों में सर्वश्रेष्ठ भक्त में हनुमान जी “जय श्री राम” कहते हुए द्रोणागिरी पर्वत जिसमे संजीवनी बूटी थी, श्री राम के भ्राता लक्ष्मण जी के मूर्छित होने पर सारा पर्वत एक उंगली से उठा लाए थे। तो सब त्रेतायुग के मर्यादा पुरुषोत्तम राम के चरित्र दर्शन करें तो १४ कला एवं विशेषताओं से संपूर्ण जिनमें १४ कला संपूर्ण, संपूर्ण अहिंसक, सहनशीलता की मूर्ति, कर्तव्यनिष्ठ, धैर्यता, सौम्यता, मधुरता, पवित्रता, दिव्यता के धनी, करुणा एवं दया, निरंहकारिता से भरपूर्ती के दर्शन होते हैं।

भगवान श्रीराम का नाम किसी जाति, धर्म एवं संप्रदाय से नहीं है, जिस प्रकार तुलसीदास जी ने रामचरित्रमानस में लिखा है, ” एक राम दशरथ के बेटे, एक राम घर-घर के वासी, एक राम कोई नहीं जाना है, एक राम है जगत पसारा। अर्थात परमात्मा राम, ये सारा विश्व भगवान राम की रचना है। ” इससे ये संदेश मिलता है कि मंदिर में है राम और मस्जिद में है अल्लाह राम। ये संसार ही राममय है क्योंकि हर इंसान के अंदर चाहे पुरुष हो, नारी हो, बच्चा हो, बुजुर्ग हो, सबके बीच में विराजमान आत्मा राम हैं जो परमात्मा का एक अंश है।

जिसके नाते हम सब संसार के प्राणी परमात्मा राम के बच्चे (संतान) है। जो भाईचारा, प्रेम, एकता, मानव मन में निश्चलता, सद्भावना, सहचर्यता, सहयोग की भावना का प्रद्युमन लाता है, न कि धर्म के नाम हिंदू मुस्लिम के भेद लाकर नफरतों की दीवार खड़ा कर एक दूसरे को मरने- मारने से सुकून महसूस करता है।

राम नाम की गूंज से खुशी के हार्मोन का होगा संचार

डॉ अंजली गुप्ता,चिकित्सक मनोवैज्ञानिक,नूर मंजिल,लखनऊ

२२ जनवरी, २०२४ का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण, खुशी का दिन है, जिस दिन भगवान श्री राम मंदिर निर्माण कर उनकी मूर्ति को प्राण प्रतिष्ठित कर उनको १४ वर्ष के वनवास नहीं, बल्कि कई दशकों के उपरांत अपने राज्य, अयोध्या में राज्याभिषेक पीएम मोदी, मुख्यमंत्री आदित्य नाथ योगी व अन्य के सतत प्रयास शेष कठिन मार्ग को पर करते हुए देश के करोड़ों देशवासियों का सपना साकार करने में योगदान देने जा रहे है।

इस अवसर पर अयोध्या नगरी ही नहीं सारा भारत हर्षो उल्लास के साथ स्थूल दीपक जलाकर दीवाली मनाएंगे, मिठाइया बांटी जाएंगी, पटाके छुड़ाए जाएंगे और सारा भारत राम नाम से गूंज उठेगा। डॉ. अंजली गुप्ता, चिकित्सक मनोवैज्ञानिक नूर मंजिल, लखनऊ के मुताबिक राम नाम के गूंजने से ही प्रत्येक व्यक्ति की मानसिकता में सकारात्मक एवं खुशी के भाव स्वीकारने में खुशी के हार्मोन का संचार करेंगे जो उदासी, दुख, सुस्ती, मानसिक दबाव और तनाव से मुक्त कर मानसिक स्वास्थ्य को सकारात्मक दिशा देंगी।

आत्म दीप जलाने से दूर होगा अंधकार

उमा देवी गुप्ता

डॉ. अंजली गुप्ता की माताजी उमा देवी गुप्ता कहती है कि यह प्रकाश एक दिन या एक सप्ताह तक ही सीमित रहेगा। परंतु अगर इन स्थूल दीपकों के साथ साथ आत्मा दीप जलाए जाए तो हर बच्चा, युवा, वृद्ध एवं हर मानव अंधकार को दूर कर, सत्य के मार्ग पर अग्रसर होगा और मानवीय जीवन दशरथ के राम के समान स्वस्थ, सुखी व शात हो जाएगा। पूरा भारत ही नहीं किंतु पूरा विश्व राम नाम से स्वर्ग का भाव प्रतीत करेगा।

अगर कहे कि अयोध्या के राजा दशरथ के पुत्र श्रीराम इतने महान व दिव्य जीवन दर्शन का परिचय देने वाले तो स्वयं परमात्मा राम का आदेश है, अगर भगवान राम के चरित्र एवं विशेषताओं में से कुछ ही गुणों को हम अपने जीवन में अपना ले तो सच में महात्मा गांधी का सपना, राम राज्य का साकार हो जाएगा। राम राज्य वो होगा जहां युद्ध और लड़ाई नहीं होगी, भाईचारा होगा, ईष्या और द्वेष नहीं होगा, हिंसा नहीं होगी। जैसा कहा जाता रहा है, “भारत वास्तव में सोने की चिड़िया सत युग (सुख एवं शांति का युग) होगा।

इसे भी पढ़ें..

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here