पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी की रिहाई सुप्रीम कोर्ट का इंकार, फैसले के बाद रो पड़ी मधुमिता की बहन

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Supreme Court refuses to release former minister Amarmani Tripathi, Madhumita's sister cries after the verdict
कोर्ट के इस फैसले के बाद ही परिसर में मधुमिता की बहन निधि शुक्ला फूट-फूटकर रोने लगीं।

गोरखपुर। यूपी को हिलाकर रख देने वाले कवयित्री मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में बसपा सरकार में मंत्री रहे अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी की रिहाई पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने इंकार कर दिया। कोर्ट के इस फैसले के बाद मधुमिता की बहन निधि शुक्ला फूट— फूटकर रोने लगी। बहन के हत्यरोपियों को सजा दिलाने के लिए निधि ने लंबी लड़ाई लड़ी थी, लेकिन जेल प्रशासन ने अच्छे आचरण का हवाला देकर एक हत्यारोपी को समय से पहले रिहा कर रही है। वहीं कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी कर 8 हफ्ते में जवाब मांगा है। कोर्ट के इस फैसले के बाद ही परिसर में मधुमिता की बहन निधि शुक्ला फूट-फूटकर रोने लगीं। वहीं, अमरमणि की शाम 4 बजे जेल से रिहाई होने की उम्मीद है।

मेडिकल कॉलेज में भर्ती है हत्यारोपी

बता दें कि पूर्व मंत्री अमरमणि और उनकी पत्नी बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राइवेट वार्ड नंबर 16 में भर्ती हैं। जेल प्रशासन के मुताबिक, रिहाई परवाना जेल पहुंचते ही उसे लेकर जेलर खुद बीआरडी मेडिकल कॉलेज जाएंगे। जहां से कागजी तौर पर अमरमणि और उनकी पत्नी को रिहा कर दिया जाएगा।मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में अमरमणि और मधुमणि गोरखपुर की जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। गुरुवार रात मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि की रिहाई के आदेश कारागार प्रशासन एवं सुधार विभाग ने जारी किया था। उनकी रिहाई के आदेश जारी होने से पहले ही मधुमिता की बहन निधि शुक्ला ने रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने रिहाई पर रोक से इंकार कर दिया।

कोर्ट परिसर में रोने लगी निधि​

फैसला आने के बाद कोर्ट परिसर में निधि रोने लगीं तो आसपास के लोगों ने उनको दिलासा देने की कोशिश की। इस पर निधि ने रोते हुए कहा, “20 साल से दौड़ रहे हैं। सीबीआई, सीबीसीआईडी, सेशन कोर्ट, हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट सब कुछ हो गया। आज तक न्याय नहीं मिला। कोर्ट ने उम्रकैद की सजा दी, लेकिन सरकार कभी भी अमरमणि को जेल ही नहीं भेज पाई।” उन्होंने कहा, “आरटीआई से जो मेरे पास कागज थे। दो महीने से सबको भेज रही हूं। चाहे मुख्यमंत्री हों, गवर्नर साहब हों, राष्ट्रपति हों। सबसे कहा कि यह आरटीआई के सरकारी कागज हैं। अमरमणि आपसे झूठ बोलता है। भ्रमित कर रहा है।”

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