कांग्रेस से दूरी बरकरार: शपथ ग्रहण समारोह से दूर रहे अखिलेश यादव, ममता बनर्जी और मायावती

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Distance from Congress intact: Akhilesh Yadav, Mamta Banerjee and Mayawati stayed away from swearing-in ceremony
समारोह के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने समान विचारधारा वाले कई दलों के नेताओं को न्योता भेजा था।

नई दिल्‍ली: कर्नाटक में कांग्रेस की बंपर जीत के बाद देश के कई राजनीतिक विशेषज्ञ मान रहे थे कि विपक्ष अब कांग्रेस को भाव देगा और 2024 के चुनाव में सभी कांग्रेस के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे। लेकिन शपथग्रहण समारोह में बुलावे के बाद भी देश की उन राजनीतिक पार्टियों के नेता कांग्रेस से दूरी बनाकर रखे जो उसे अपना दुश्मन मानते है। कर्नाटक में कांग्रेस की नई सरकार ने शपथ ले ली है। सिद्धारमैया सीएम बने हैं डीके शिवकुमार डिप्टी सीएम। कई कैबिनेट मंत्रियों ने भी बेंगलुरु के श्री कांतीरवा स्टेडियम में पद और गोपनीयता की शपथ ली।

शक्ति प्रदर्शन का मौका माना जा रहा था

बता दे कि समारोह के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने समान विचारधारा वाले कई दलों के नेताओं को न्योता भेजा था। 2024 के लोकसभा चुनावों में सत्तारूढ़ BJP से मुकाबले के लिए विपक्षी एकता की कोशिशें हो रही हैं। इस बीच ऐसे आयोजन को विपक्षी दलों के लिए शक्ति प्रदर्शन का मौका माना जा रहा था। हालांकि, मंच से विपक्ष के कई बड़े नाम गायब रहे। तृणमूल कांग्रेस की ममता बनर्जी खुद नहीं आईं, प्रतिनिधि भेजा। ममता ने पिछले दिनों कांग्रेस को ‘जैसे को तैसा’ समर्थन की शर्त रखी थी। 80 लोकसभा सीटों वाले यूपी के प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव भी नहीं गए। बसपा प्रमुख मायावती भी नहीं पहुंचीं। शिवसेना उद्धव गुट के मुखिया उद्धव ठाकरे भी नहीं दिखे। कुल मिलाकर, विपक्षी एकता की दिशा में कांग्रेस का पहला बड़ा प्रयोग शायद उतना सफल नहीं रहा।

समारोह से ममता, अखिलेश का किनारा

तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव सिद्धारमैया के शपथग्रहण समारोह में नहीं गए। दोनों को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आमंत्रित किया था। शपथ ग्रहण समारोह में उनकी मौजूदगी को विपक्षी दलों की एकता के लिए अहम माना जा रहा था। ममता ने हाल में कहा था कि 2024 के लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी कांग्रेस को उन जगहों पर समर्थन देगी, जहां वह मजबूत स्थिति में है लेकिन कांग्रेस को भी अन्य राजनीतिक दलों को समर्थन देना होगा।

वहीं, सपा मुखिया अखिलेश यादव भी नहीं गए। इसे कांग्रेस से परहेज बनाए रखने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि, सपा के राष्ट्रीय सचिव राजेंद्र चौधरी का कहना है कि अखिलेश को न्योता आया था, लेकिन उनके पहले से कार्यक्रम तय थे। आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल को भी नहीं बुलाया गया।

खरगे ने सबको खुद फोन किया

शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस के सीनियर नेता, पार्टी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और कुछ विपक्षी दलों के नेता शामिल हुए। इनमें तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन, बिहार के सीएम नीतीश कुमार, बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, पुडुचेरी के सीएम एन रंगास्वामी, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन पहुंचे। खरगे ने तमिलनाडु के सीएम स्टालिन, बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, बिहार के सीएम नीतीश कुमार, एनसीपी प्रमुख शरद पवार और शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के मुखिया उद्धव ठाकरे को बाकायदा फोन कर न्योता दिया था। इसके बावजूद उद्धव और ममता नहीं गए।

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