पांच लाख की रिवाल्वर चलाता था असद, रात दो बजे हुआ पोस्टमार्टम, शव लेने नहीं आया कोई

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Assad used to run a revolver worth five lakhs, the post mortem happened at 2 o'clock in the night, no one came to take the dead body
शूटर गुलाम को सिर्फ एक गोली लगी,जो पीठ में लगकर दिल और सीने को चीरते हुए बाहर निकल गई।

झांसी।यूपी एसटीएफ द्वारा मारा गया पांच लाख का इनामी माफिया का बेटा असद अहमद पांच लाख की रिवाल्वर चलाता था। झांसी में 3 डॉक्टरों के पैनल ने गुरुवार देर रात 2 बजे तक पोस्टमॉर्टम किया। रिपोर्ट के अनुसार, माफिया के बेटे असद को दो गोलियां लगीं, जबकि शूटर गुलाम एक ही गोली में ढेर हो गया।असद को एक गोली पीछे से पीठ में लगकर दिल और सीने को चीरते हुए बाहर निकल गई और दूसरी गोली सामने से सीने में लगी और गले में जाकर फंस गई। डॉक्टरों की टीम ने गोली को बरामद किया है। वहीं, शूटर गुलाम को सिर्फ एक गोली लगी,जो पीठ में लगकर दिल और सीने को चीरते हुए बाहर निकल गई।

बड़ागांव में हुआ एनकाउंटर

बता दे कि यूपीएसटीएफ ने गुरुवार दोपहर 12:30 से 1 बजे के बीच एनकाउंटर में दोनों को मार गिराया। दोनों उमेश पाल हत्याकांड में वांछित थे। स्पेशल एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि झांसी से 30 किमी दूर बड़ागांव में एसटीएफ ने जब बाइक से भाग रहे असद और गुलाम को रोका, तो असद ने ब्रिटिश बुलडॉग 455 बोर रिवाल्वर और गुलाम ने 7.63 बोर की वॉल्थर पी 88 पिस्टल से फायर किया। जवाबी कार्रवाई में दोनों मारे गए।

दोनों की लाश लेने नहीं आया कोई

डॉ. शैलेश गुप्ता, डॉ. नीरज सिंह और डॉ. राहुल परासर के पैनल ने रात करीब 9 बजे पोस्टमॉर्टम शुरू किया। इसमें करीब 5 घंटे का वक्त लगा। इस दौरान पूरे पोस्टमॉर्टम की वीडियोग्राफी भी कराई गई। सुबह 5 बजे तक न तो असद के परिजन झांसी पहुंचे और न ही गुलाम का परिवार लाश लेने के लिए आया। बहरहाल दोनों के शव पोस्टमॉर्टम हाउस में रखवाए गए हैं। बाहर पुलिस का पहरा है।

असद का कोड नेम राधे

24 फरवरी को उमेश पाल हत्याकांड के बाद एसटीएफ माफिया अतीक अहमद गैंग को ट्रेस कर रही थी।एसटीएफ अफसरों के अनुसार, कुछ दिनों पहले प्रयागराज में अतीक के घर से एक आईफोन बरामद किया गया। आईफोन को डीकोड करने पर गैंग के बारे में कई अहम सुराग हाथ लगे।मालूम चला कि गैंग के सदस्य आपस में कोड नाम से बात करते हैं। जिसे असद के नाम से ढूंढ़ा जा रहा है, उसे गैंग के गुर्गे “राधे” बुलाते हैं। राधे नाम उसे बड़े बाल रखने की वजह से दिया गया। उमेश पर दुकान से निकलकर गोली चलाने वाले गुलाम का नाम “उल्लू” रखा गया था। बमबाज गुड्‌डू मुस्लिम का नाम मुर्गी रखा गया था।

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