मुस्लिम समाज सुधार में आज के सर सैय्यद योगी आदित्यनाथ

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Chief Minister will travel to know the water problem of Bundelkhand, will see the development of Pejal projects
पेयजल परियोजनाओं के कार्यों की समीक्षा करने के लिए जल्द ही वह खुद बुंदेलखंड में प्रवास करेंगे।
  • मुसलमानों के डर के आगे जीत है !
  • योगी सरकार : डर कर जीत रहा मुस्लिम समाज

नवेद शिकोह-लखनऊ। राजनीतिक दलों ने कई सालों तक भाजपा को लेकर मुसलमानों में जो खौफ पैदा किया था वो अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। मुसलमान अभी भी डरता है, लेकिन अब इस डर के आगे जीतने की राह पकड़ रहा है। वैसे ही जैसे जो अपने गुरु से डरता है वो ज्ञान अर्जित करने में कोताही नहीं करता, जिसे सख्त कानून व्यवस्था की सजाओं का ज्यादा अहसास होता है वो कानून का पालन जरूर करता है।

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बुल्डोजर अपराध, भष्ट्राचार, अनियमितता, राष्ट्रविरोध, अवैध कब्जों, माफियागीरी, दबंगई, शोषण, नारी के अपमान.. के खिलाफ एक्शन का प्रतीक है। इसकी शुरुआत माफिया की अवैध बिल्डिंगों को ढहाने से हुई तो विपक्ष ने ये कुप्रचार किया कि बुलडोजर मुसलमानों के खिलाफ एक्शन की श्रृंखला है। भले ही ये झूठ था पर मुस्लिम समाज को इस झूठ का भी फायदा मिला। वे अपने बीच के अपराधियों से दूरी बनाने लगे। उनमें अनुशासन बढ़ गया।

मुस्लिम समाज में सुधार

भले ही ये सोच गलत थी पर ये सोच भी लाभकारी साबित हो रही है कि हिन्दू किसी किस्म के कोई भी गलत काम करेंगे तो शायद उन्हें माफ कर दिया जाए, छोड़ दिया जाए, उनकी गलती को अनदेखा कर दिया जाए, नियम को शिथिल कर दिया जाए पर मुसलमान कोई गलती करेगा तो उसे बख्शा नहीं जाएगा। इसलिए आप खुद गौर करके देख लीजिए अब पहले की अपेक्षा अल्पसंख्यक समाज में बहुत कुछ सुधार दिखेगा।

मुस्लिम समाज पढ़ाई का स्तर बढ़ रहा हैं, संकीर्णता कम हो रही है। दूसरे धर्म के लोगों से दूरियां कम हो रही हैं। उलमा एकता और मोहब्बत के पैगाम की बातें कर रहे हैं। भाजपा की कमियों पर कम खूबियों के जिक्र किए जा रहे हैं।किसी त्योहार के मौके पर भी किसी किस्म की हुड़दंग अब नहीं देखने को मिलती। योगी का डर कड़वा ज़रुर है लेकिन दवाई की तरह फायदा दे रहा है। डर के आगे की जीत, सफलताओं और विकास के रास्ते दिखा रही है।

योगी निभा रहे सकारात्मक भूमिका

शिक्षा विद सर सय्यद अहमद ख़ान ने मुस्लिम समाज को शिक्षित करने की कोशिश की थी। आज के दौर में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सख्त शासनकाल मुस्लिम समाज सुधार में अहम भूमिका निभा रहा हे। एक आंकड़े के मुताबिक अल्पसंख्यक वर्ग में तेजी से अनुशासन विकसित हो रहा है। पहले की अपेक्षा अब अपराधिक और असामाजिक प्रवृत्तियों में मुस्लिम नौजवानों की संलिप्तता घट रही है।

शिक्षा और रोजगार के साथ सरकारी जनकल्याणकारी योजनाओं को हासिल करने में भी अल्पसंख्यकों की जागरूकता बहुसंख्यक समाज से अधिक है। योगी राज में साम्प्रदायिक दंगों पर विराम लगने से अल्पसंख्यक महफूज है, उसकी जान-माल का नुकसान नहीं हो रहा है। क्योंकि ये सच है कि साम्प्रदायिक दंगों में हमेशा उस समाज को ज्यादा दर्द झेलना पड़ता है जिनकी संख्या कम होती है।

गलत काम से तौबा कर रहे मुस्लिम युवा

यूपी में योगी सरकार की सख्त नीतियों से मुस्लिम समाज के युवाओं में जहां सर्वाधिक अनुशासन पैदा हो रहा है वहीं मुस्लिम महिलाएं और युवतियों में सुरक्षा और आजादी का आत्मविश्वास उनकी तरक्की का मार्ग प्रशस्त कर रहा है। तुष्टिकरण की बैसाखी छोड़कर वे खुद अपने पैरों से अपनी मंजिल तलाश रहे हैं। भ्रष्टाचार और अपराध के खिलाफ सख्त कानून व्यवस्था ने ये अहसास करा दिया है कि गलत काम का नतीजा गलत ही होगा। गलत रास्ते पर चलने वाले भी सही राहें तलाशने लगे हैं। एमएसएमई योजना दस्तकारों को प्रोत्साहित कर रही है तो वेंडरों/ठेलेवालों को मिल रहे आर्थिक सहयोग और मुफ्त राशन वितरण अल्पसंख्यक समाज की ग़रीबी, बेरोजगारी और मुफलिसी पर बुल्डोजर चला रहा है।

50-60 वर्ष के कांग्रेस शासन काल में सच्चर कमेटी ने मुस्लिम समाज की जो कमजोर स्थिति का कड़वा सच बताया था वो आगे शायद मोदी-योगी की सरकारों की जनकल्याणकारी योजनाएं और नीतियां इस समाज को बदहाली की खाई से निकालने के संकेत देने लगी हैं। भाजपा से डराने वाले विरोधी दल भले ही अपनी सत्ता के दौरान अल्पसंख्यकों का पिछड़ापन कम करने के बजाय बढ़ाते रहे पर भाजपा की सरकारें तुष्टिकरण के बजाय सबका साथ सबका विकास की राह पर चल रही।मुसलमान सम्पूर्ण समाज में मुख्यधारा से जुड़ता दिख रहा है।

यूपी के वरिष्ठ पत्रकार परवेज अहमद कहते हैं कि सपा की सरकारों में हुए दंगों में सैकड़ों मुस्लिम मारे गए। कितने घर जले, दुकानें खाक हुईं और कारोबार चौपट हुए। घर का खर्च, बच्चों की पढ़ाई और मां-बाप का दवा-इलाज करने वाले जो नौजवान दंगों की भेंट चढ़ गए उनके परिजन कैसे जिन्दा है, ये जानने कभी मुलायम सिंह और अखिलेश यादव जैसे नेता क्या कभी उनके घर पंहुचे नहीं।

मुस्लिम कौम को नुकसान पहुंचाया

आतंकवादियों के मुकदमें वापस लेने और मुस्लिम अपराधियों/ माफिया को प्रोत्साहित कर सपा-बसपा सरकारों ने मुस्लिम कौम को बहुत नुकसान पहुंचाया है।लखनऊ के एक स्कूल की प्रबंधक सीमा चतुर्वेदी बताती हैं कि उनके स्कूल में अपने बच्चों को सरकार की मदद से फ्री की पढ़ाई (आरटीआई) का लाभ लेने वालों में बहुसंख्यकों से अधिक अल्पसंख्यक समाज के लोग आगे हैं। मुस्लिम बच्चों के स्कूल में एडमीशन बढ़े हैं और पढ़ाई में सरकार की मदद की योजनाओं का लाभ लेने में अब मुस्लिम समाज अधिक जागरूक दिखाई दे रहा है।

उत्तर प्रदेश फखरुद्दीन अली अहमद मेमोरियल कमेटी के अध्यक्ष अतहर सगीर तूरज जैदी कहते हैं कि कांग्रेस, सपा और बसपा जैसे दलों ने निजी स्वार्थ के लिए दशकों तक मुसलमानों में भाजपा को लेकर डर और नफरत पैदा की थी। झूठ, डर और बहकावे की ये बर्फ अब तेजी से पिघल रही है। हमारी क़ौम के समझदार लोग भाजपा सरकारों के विकास कार्यों से प्रभावित होकर भाजपा पर विश्वास करने लगे हैं।

माफिया पर कार्रवाई से मुस्लिम खुश

मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद जैसे माफिया के खिलाफ कठोर कार्रवाई से कौम खुश होती है। कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए,भ्रष्टाचार, अनुशासनहीनता, अनियमितताओं के खिलाफ योगी सरकार की सख्त नीतियों के बुल्डोजर का डर मुस्लिम समाज के चंद अनुशासनहीन लोगों को भी अनुशासित कर रहा है। गलत रास्ते पर चलने वाले सही मार्ग अपना रहे हैं। मुसलमान संकीर्ण मानसिकता से मुक्त होकर शिक्षा, स्वरोजगार और तरक्की की राह पर अपना भविष्य उज्जवल बनाने की निकल पड़े हैं। गलत रास्ते का अंजाम ग़लत होता है। यदि इस अहसास से कोई डरता है तो ये डर अच्छा है और ऐसे डर का अहसास कराने वाले वाला भी अच्छा है। इस तरह के डर के बारे में ही कहा गया है- “डर के आगे जीत है”।

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