चुनावी रण: ताबड़तोड़ रैलियां व रोड शो कर योगी ने तोड़ा सबका रिकार्ड, मोदी भी यूं दिखा रहे अपना जलवा

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यूपी में भाजपा की सरकार पुन: बनाने में जुटे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 43 दिन में 202 से अधिक रैलियां और रोड शो कर नया रिकॉर्ड बनाया है।

लखनऊ। यूपी मिशन—2022 को लेकर चल रही चुनावी सरगर्मियों के बीच यह चुनावी रण अब अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंच गया है। चुनाव के आखिरी चरण का मतदान 7 मार्च को होना है। वहीं 10 मार्च को यह पूरी तरह साफ हो जाएगा कि यूपी में किसकी सरकार बनेगी। अभी तक के चुनाव की बात करें सपा—भाजपा के बीच मुख्य मुकाबला चल रहा है। इस बीच प्रचार के मामले में योगी आदित्यनाथ ने नया रिकार्ड बनाया है।

दोबारा सरकार बनाने को भाजपा ने झोंकी ताकत

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यूपी में भाजपा की सरकार पुन: बनाने में जुटे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 43 दिन में 202 से अधिक रैलियां और रोड शो कर नया रिकॉर्ड बनाया है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 रैलियां और रोड शो किए हैं। गौरतलब है कि यूपी विधानसभा चुनाव के आगाज के साथ ही कोरोना की तीसरी लहर शुरू होने के कारण निर्वाचन आयोग ने शुरुआत में रैलियों और रोड शो पर प्रतिबंध लगाया था।

बताया गया कि कोरोना संक्रमण पर जैसे-जैसे नियंत्रण हुआ वैसे-वैसे आयोग ने लोगों की संख्या निर्धारित कर रैलियों की अनुमति दी थी। दरअसल भाजपा के स्टार प्रचारकों में शामिल सीएम योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य सहित अन्य नेताओं ने लोगों की सीमित संख्या में सभा के साथ चुनावी रैलियां शुरू कीं। पीएम मोदी ने पहले चरण में वर्चुअल रैलियां कीं।

इनमें लाखों लोगों ने मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म के जरिए मोदी को सुना। बताया गया कि मोदी की पहली सभा बिजनौर में प्रस्तावित थी, मगर तकनीकी कारणों से सभा स्थगित होगी गई। बता दें कि मोदी ने पहली चुनावी सभा सहारनपुर में की थी। वहीं जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री ने 23 दिन में 27 रैलियां और रोड शो किए हैं।

योगी की रही ज्यादा डिमांड

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चुनाव प्रचार में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की रैलियों की सबसे ज्यादा डिमांड रही। वहीं भाजपा और उसके सहयोगी अपना दल और निषाद पार्टी के उम्मीदवारों की भी पहली पसंद योगी की सभा थी। बताया गया कि योगी ने 21 जनवरी से 4 मार्च तक 202 रैलियां और रोड शो किए हैं।

5 मार्च को चुनाव प्रचार के अंतिम दिन उनके पांच कार्यक्रम प्रस्तावित हैं। गौरतलब है कि योगी ने ताबड़तोड़ एक-एक दिन में पांच से सात सभाएं की हैं। योगी खुद गोरखपुर शहर से प्रत्याशी हैं, अपना क्षेत्र संभालने के साथ उन्होंने उत्तराखंड में भी भाजपा प्रत्याशियों के समर्थन में रैलियां की।

वहीं गृहमंत्री अमित शाह ने 61 रैलियां और रोड शो कर विपक्ष को आड़े हाथों लेने के साथ भाजपा की उपलब्धियों को जनता के बीच रखा। इसी तरह भाजपा के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में चुनाव प्रबंधन की व्यस्तता के बीच यूपी में 41 से अधिक सभाएं की।

केशव और स्वतंत्रदेव पर पिछड़ों को साधने की जिम्मेदारी

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी चुनावी रैलियों का शतक लगाया है। केशव सिराथू से चुनाव भी लड़ रहे हैं। बताया गया कि सिराथू में चुनाव प्रचार के साथ केशव ने भाजपा और उसके सहयोगी दलों के प्रत्याशियों के समर्थन में सौ रैलियां और रोड शो किए हैं।

वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने 80 से ज्यादा रैलियां और रोड शो किए। केशव और स्वतंत्रदेव पिछड़े और अति पिछड़े वर्ग में भाजपा का चेहरा हैं। बताते चलें कि चुनाव से पहले योगी सरकार के मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य, दारा सिंह चौहान, धर्म सिंह सैनी सहित,

पिछड़े वर्ग के कुछ विधायकों के पार्टी छोड़कर चले जाने से केशव और स्वतंत्रदेव पर प्रचार के साथ पिछड़े वर्ग को साधने की भी बड़ी जिम्मेदारी थी। वहीं उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने भी 40 से अधिक सभाएं की। शर्मा के पास टिकट नहीं मिलने से नाराज कार्यकर्ताओं को मनाने के साथ ब्राह्मणों से समन्वय बनाने की भी जिम्मेदारी रही है।

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