मोदी बोले- लाल टोपी मतलब खतरा, अखिलेश ने दिया जवाब डूबेगा बीजेपी का सूरज

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Modi said - red cap means danger, Akhilesh gave the answer, BJP's sun will sink
खिलेश ने भविष्यवाड़ी कर डाली की बीजेपी का सूर्य जरूर 2022 में डूबेगा।

मेरठ- गोरखपुर। यूपी चुनाव से पहले प्रदेश की सियासत की अब जनसभा और आरोप—प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। राजनीतिक दल दनादन जनसभाएं करके एक—दूसरे को नीचा दिखाने और खुद का सर्वेश्रेष्ठ बताने में जुटी है। आज यूपी के दो शहरों में दो जनसभाएं हुई एक जनसभा सीएम योगी के गृहनगर गोरखपुर तो दूसरी जनसभा जाटलैंड मेरठ में हुई। गोरखपुर में पीएम मोदी ने पृर्वांचल के लोगों को दस हजार करोड़ की सौगात देते हुए सपा पर सीधा हमला बोला। वहीं मेरठ में हुई जनसभा को संबोधित करते हुए अखिलेश ने भविष्यवाड़ी कर डाली की बीजेपी का सूर्य जरूर 2022 में डूबेगा।

मेरठ में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और रालोद अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह ने पश्चिमी यूपी की जनता को लुभाने के लिए पहली बार एक मंच पर नजर आए। अखिलेश यादव ने कुछ ही देर पहले अपने ट्विटर पेज पर लिखा, भाजपा के लिए ‘रेड एलर्ट’ है महंगाई का, बेरोजगारी-बेकारी का, किसान-मजदूर की बदहाली का, हाथरस, लखीमपुर, महिला व युवा उत्पीड़न का, बर्बाद शिक्षा, व्यापार व स्वास्थ्य का और ‘लाल टोपी’ का क्योंकि वो ही इस बार भाजपा को सत्ता से बाहर करेगी।

एक साल से हो रहा किसानों का अपमान: जयंत  

जनसभा को संबोधित करते हुए चौधरी जयंत सिंह ने जनसैलाब को राम-राम करते हुए कहा कि क्रांति भूमि पवित्र धरती को नमन करता हूं। 1857 से पहले या उसके बाद, जब भी देश को जरूरत पड़ी यहां के बेटे-बेटियों ने हमेशा मुकबाला किया। राजनीति में दिखावा बहुत हो चुका है। एक साल किसानों का अपमान हुआ। भाजपा के किसी पद पर बैठे किसी नेता की हिम्मत नहीं इस पर बोले। लखनऊ में अदब है, मेरठ में गजब है। यह चौधरी चरण सिंह की कर्म भूमि है। युवा कह रहे हैं भाजपा को सरकार भी गंवानी पड़ेगी।

2022 में बदलाव होकर रहेगा अखिलेश

वहीं अअखिलेश यादव ने अपनी बात रखते हुए कहा कि लाल, हरा, सफेद और पिला रंग दिख रहा है, एक रंगी कभी किसी के जीवन में खुशहाली नहीं ला सकता है। उन्होंने कहा कि ये सरकार जाने वाली है, परिवर्तन होकर रहेगा। एलान है कि भाजपा की ऐतिहासिक हार होगी। सभी लोग मदद करना।

अखिलेश यादव ने कहा कि किसानों का हक मिले और एमएसपी के लिए ठोस फैसला हो। उन्होंने कहा भाजपा किसानों के हक में फैसला नहीं करना चाहती है। गठबंधन किसानों को उनका हक दिलाएगा। भाजपा के मंत्री और समर्थकों ने किसानों को गाड़ी से कुचल दिया है। मान छीना है, भाजपा को जाना होगा।

खाद कारखाना का किया लोकार्पण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोरखपुर में खाद कारखाना, एम्स और बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज के रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर (आरएमआरसी) का लोकार्पण किया। वर्ष 2016 में प्रधानमंत्री ने ही खाद कारखाना और एम्स की नींव रखी थी। अब उन्होंने खुद अपने हाथों इसे जनता को समर्पित किया।

इस दौरान पीएम ने जनता को संबोधित किया। पीएम ने कहा कि जब मैं मंच पर आया तो मैंने सोचा कि ये भीड़ है, लेकिन जब मैंने दूसरी तरफ देखा तो इतने दूर तक लोग फैले हुए हैं और झंडे हिला रहे हैं कि कुछ कह भी नहीं सकता। आपका प्यार और आशीर्वाद आपके लिए दिन रात काम करने की प्रेरणा देते हैं। पहले मैं 2016 में शिलान्यास करने आया था अब इनके लोकार्पण का भी सौभाग्य आपने मुझे दिया। आज आईसीएमआर के रीजनल सेंटर को भी अपनी बिल्डिंग मिली।

पीएमने कहा कि साथियों गोरखपुर में फर्टिलाइजर प्लांट और एम्स का शुरू होना कई संदेश दे रही है। जब डबल इंजन की सरकार होती है तो दोगुनी तेजी से काम होता है, आपदाएं भी अवरोध नहीं पैदा कर पातीं। तब परिश्रम भी होता है और परिणाम भी निकलता है। गोरखपुर का आज का आयोजन इस बात का भी सबूत है कि जब नया भारत ठान लेता है तो इसके लिए कुछ भी असंभव नहीं है।

बंद हो चुके कारखानों को खोल रहे

पीएम ने अपनी बता रखते हुए कहा कि हमने तीन सूत्रों पर काम करना शुरू किया- यूरिया की शत प्रतिशत नीम कोटिंग की और दुरुपयोग रोका। दूसरा लोगों को यूरिया के कार्ड दिए ताकि पता चले कि किस खेत को कैसे खाद की जरूरत है। तीसरा हमने यूरिया उत्पादन बढ़ाया। बंद पड़ चुके कारखानों को हम खोल रहे हैं। एक शुरू हो गया है बाकी अन्य भी आने वाले सालों में भी खुल जाएंगे। जिस तरह से भगीरथ जी गंगा को लेकर आए थे उसी तरह इस खाद कारखाने तक ईंधन को पहुंचाने के लिए ऊर्जा गंगा को लाया गया है।

पहले खाड़ी का तेल आता था, अब झाड़ी से तेल बनेगा

पीएम मोदी ने कहा कि गन्ना किसानों का गढ़ पूर्वांचल का यह एरिया इथेनॉल उत्पादन के लिए भी महत्वपूर्ण है। पहले खाड़ी का तेल आता था अब झाड़ी का भी तेल आने लगा है।मैं योगी सरकार की सराहना करता हूं कि उन्होंने गन्ना किसानों के लिए अभूतपूर्व काम किया है। 350 रुपये तक मूल्य बढ़ाया। पिछली दो सरकारों ने जितना मिलकर किया योगी जी ने सिर्फ साढ़े चार में ही गन्ना किसानों को भुगतान किया।

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