लखनऊ। यूपी में पिछले चौबीस घंटे से पूर्वांचल और अवध क्षेत्र में हो रही बारिश से कई जिलों में नुकसान काफी नुकसान हुआ है। कई इलाकों में तेज बारिश से जलभराव की वजह से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बारिश की वजह से घर और पेड़ गिरने की वजह से अब तक 38 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई लोग घायल है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बाराबंकी में सर्वाधिक छह मौतें, जबकि प्रयागराज, प्रतापगढ़ व फतेहपुर में पांच-पांच और लखनऊ में तीन लोगों की मौत हुई है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार राज्य में बारिश का दौर अगले दो दिन तक थमने वाला नहीं है।
यूपी के 40 जिलों में हो रही बारिश
मौसम विज्ञानियों के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में बना लो प्रेशर एरिया प्रयागराज के ऊपर से गुजर रहा है। इस कारण लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी सहित आसपास के इलाकों में आने वाले दो दिन तक बारिश जारी रहेगी। इसका असर 500 किलोमीटर के दायरे में होता है। लखनऊ मौसम केंद्र के वैज्ञानिकों का कहना है कि लखनऊ समेत 40 जिलों में हो रही बरसात इस सीजन में तीसरी बार है। पांच वर्षों बाद सितंबर माह में इतनी बारिश हो रही है। उत्तर प्रदेश में बीते 24 घंटे के अंदर औसत अनुमान से पांच गुना ज्यादा बारिश हुई है। औसत अनुमान 7.6 मिमी से करीब पांच गुना ज्यादा 33.1 मिमी बारिश प्रदेश में हुई है। बारिश का दौर अगले दो दिन तक यूं ही चलने की संभावना है।
प्रयागराज और समीपवर्ती जिलों प्रतापगढ़-कौशांबी में अतिवृष्टि से लगभग तीन दर्जन स्थानों पर कच्चे व जर्जर मकान धराशायी हो गए। इनमें दो गार्डों समेत कुल 13 लोगों की जान चली गई। प्रयागराज और प्रतापगढ़ में पांच-पांच मौतें हुईं जबकि कौशांबी में तीन। मरने वालों में दो बच्चे भी हैं। प्रतापगढ़ में भारी बारिश से रेलवे ट्रैक पर भी पानी भर गया। जौनपुर के सुजानगंज में कच्चा मकान गिरने से दंपती व उनकी बेटी की मौत हो गई जबकि तीन लोग घायल हो गए। वहीं, सिकरारा में कच्चा मकान गिरने से मलबे में दबकर एक महिला की मौत हो गई।
प्रदेश की राजधानी लखनऊ के आसपास के जिलों में 11 लोगों मौतें हुईं, जिनमें छह बाराबंकी के हैं। लखनऊ में तीन, सीतापुर और अयोध्या में एक-एक मौतें हुईं। इन जिलों में 11 लोग घायल भी हुए। बाराबंकी के दरियाबाद से पटरंगा रेलवे स्टेशन के बीच साबरमती एक्सप्रेस ट्रैक पर गिरे पेड़ से टकरा गई। इससे काऊ कैटल क्षतिग्रस्त हो गया। करीब चार घंटे रेल यातायात बाधित रहा।
स्कूल रहेंगे बंद
शुक्रवार और शनिवार को भारी बारिश होने की आशंका जताई है। ऐसे में किसी बड़े नुकसान से बचने के लिए दो दिन तक शिक्षण संस्थानों को बंद करने का सीएम ने निर्देश दिया। सीएम ने प्रदेश के कई क्षेत्रों में अतिवृष्टि के दृष्टिगत सभी मण्डलायुक्तों तथा जिलाधिकारियों को पूरी तत्परता से राहत कार्य चलाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री निर्देश किए कि उच्च अधिकारी क्षेत्र का भ्रमण कर राहत कार्यों पर नजर रखें।मुख्यमंत्री ने कहा कि इस आपदा के दृष्टिगत जनपदों में राहत कार्य प्रभावी रूप से कराए जाएं। आपदा से प्रभावित लोगों को तत्काल राहत पहुंचाई जाए। जल-भराव की स्थिति में प्राथमिकता पर जल निकासी की व्यवस्था कराई जाए। अधिकारियों को इस आपदा से हुए नुकसान का आकलन करने के निर्देश दिए हैं।