लखनऊ। police encounter पहले लखनऊ फिर शाहजहांपुर के दो कैब चालकों की हत्या करके कार लूटने का मुख्य आरोपी डेढ़ लाख का इनामी गुरुसेवक को पारा पुलिस ने रविवार रात लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे स्थित जीरो प्वाइंट के पास मुठभेड़ में मार गिराया। पुलिस ने मौके से कई कारतूस, 38 बोर की पिस्टल, 32 बोर की रिवॉल्वर और शाहजहांपुर में लूटी गई कार समेत अन्य सामान बरामद किया गया है। बता इससे पहले रविवार सुबह पुलिस ने गिरोह के साथी विकास कनौजिया को दुबग्गा चौराहे के पास से गिरफ्तार किया था। इससे दो दिन पहले मुठभेड़ में अजय सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
दो दिन पहले बच निकला था गुरुसेवक
डीसीपी पश्चिम विश्वजीत श्रीवास्तव ने बताया कि 10 अक्टूबर की रात बदमाश अजय सिंह को किसान पथ के पास मुठभेड़ में दबोचा गया था। तब गुरुसेवक अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गया था। जिसके बाद पुलिस आयुक्त अमरेंद्र कुमार सेंगर ने उस पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। आरोपी की तलाश में पारा पुलिस, क्राइम टीम, सर्विलांस सेल समेत चार टीमों का गठन किया गया था। रविवार देर रात पुलिस को सूचना मिली कि गुरुसेवक अपने एक साथी के साथ कार से लखनऊ होते हुए हरदोई की तरफ जाने वाला है। इस पर क्राइम टीम ने पारा पुलिस के साथ मिलकर लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे के जीरो प्वाइंट की सर्विस लेन पर चेकिंग शुरू की। संदिग्ध कार को पुलिस ने रुकने का इशारा किया। लेकिन बदमाशों ने कार सर्विस लेन की ओर मोड़ दी। अपने को फंसा देख दो बदमाश कार से उतरे और पुलिस पर फायरिंग करने लगे। जवाबी फायरिंग में गुरुसेवक मारा गया। लेकिन उसका साथी अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गया।
आठ से ज्यादा लूट, हत्या के मामले दर्ज हैं
डीसीपी ने यह भी बताया कि गुरुसेवक ने 29 सितंबर को पारा से कैब बुक की थी। उसके बाद साथियों संग मिलकर चालक योगेश पाल की हत्या कर शव सीतापुर में फेंक दिया था। 6 अक्टूबर को गुरुसेवक और उसके गिरोह ने शाहजहांपुर के पुवायां से सितारगंज (उत्तराखंड) जाने के लिए कैब चालक अवनीश दीक्षित को बुक किया था। गिरोह ने अवनीश की हत्या कर उसकी कार भी लूट ली थी। फिर उसके शव को शाहजहांपुर-बरेली मार्ग पर फेंक दिया था। गुरुसेवक पर आठ से ज्यादा लूट, हत्या समेत अन्य मामले दर्ज हैं। आरोपी पर डीआईजी रेंज बरेली ने भी 50 हजार रुपये का इनाम घोषित कर रखा था।
