Adhata Trust के 13 साल: बुजुर्गों को सशक्त बनाते हुए सकारात्मक वृद्धावस्था का जश्न

13 Years of Adhata Trust: Celebrating Positive Ageing by Empowering Elders

यह दृष्टिकोण बुजुर्गों को परस्पर सहयोग और ख्याल रखने वाले समुदाय में संपूर्णता से जीवन जीने के लिए सशक्त बनाता है।

  • इस साल के आयोजन का विषय था “महा-तारा: वृद्धावस्था की महिमा को पुनर्परिभाषित करना”

मुंबई:Adhata Trust  बुजुर्गों के भावनात्मक और सामाजिक कल्याण के प्रति समर्पित मुंबई स्थित गैर-सरकारी संगठन, अधाता ट्रस्ट ने अपनी 13वीं वर्षगांठ और अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर शानदार कार्यक्रम का आयोजन किया। इस साल के समारोह में 65 से 90 वर्ष की आयु के सौ से अधिक बुज़ुर्ग इकट्ठे हुए, जिनमें से कई 80 वर्ष से अधिक उम्र के थे, और उन्होंने पूरे जोश के साथ मंच संभाला। उनकी उत्साह से बाहरी भागीदारी, अधाता के सकारात्मक वृद्धावस्था (पॉज़िटिव एजिंग) के दृष्टिकोण का प्रमाण थी। यह दृष्टिकोण बुजुर्गों को परस्पर सहयोग और ख्याल रखने वाले समुदाय में संपूर्णता से जीवन जीने के लिए सशक्त बनाता है।

अधाता ट्रस्ट ने पिछले 13 साल से अपने समुदायों में वृद्धावस्था को बेहतर बनाने के लिए प्रोत्साहित करते हुए, परिचित वातावरण में बुढ़ापे (एजिंग इन प्लेस) की अवधारणा को आगे बढ़ाया है। ट्रस्ट ने इस उपलब्धि का जश्न मनाने के लिए, महा-तारा थीम के तहत शानदार वार्षिक उत्सव का आयोजन किया। मराठी शब्द ‘म्हातारा’, का अर्थ है ‘बुजुर्ग’ और महा-तारा यानी सूर्य ज्ञान और जीवन शक्ति के प्रकाश स्तंभ के रूप में चमकता है। इस विचार के आधार पर इस कार्यक्रम के तहत बुजुर्गों को प्रकाश की आकाशगंगा के रूप में सम्मानित किया गया और वृद्धावस्था की महिमा को नया स्वरूप प्रदान किया गया।

सदस्यों ने नृत्य प्रस्तुत किया

इस कार्यक्रम में मुंबई और नवी मुंबई के 16 Adhata Trust  के सदस्यों ने मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया। कोरियोग्राफी कल्पनाशीलता की मिसाल थी और इसके ज़रिये, उन्होंने ब्रह्मांड के सामंजस्य को दिखाते हुए यह प्रस्तुत किया कि कैसे हर ग्रह का अपना महत्व है, ठीक उसी तरह जैसे हर बुजुर्ग परिवार को अनूठे तरीके से समृद्ध करता है। इन प्रस्तुतियों में दिखाया गया कि प्रकाश देने वाला सूर्य, शांति प्रदान करने वाला चंद्रमा और जीवन का पोषण करने वाली पृथ्वी, उस ज्ञान, देखभाल और संतुलन की प्रतीक हैं जो, बुजुर्ग हमारे जीवन में लाते हैं। सूर्य को महा-तारा के रूप में प्रस्तुत करते हुए, हर कार्यक्रम ने वृद्धावस्था को शक्ति, अनुग्रह और अनुभव के प्रतीक के रूप में पेश किया। इस कार्यक्रम को देखते हुए दर्शकों में मौजूद इन बुजुर्गों के पोते-पोतियों के चेहरों पर मुस्कान थी, क्योंकि वे अपने दादा-दादी को अभूतपूर्व खुशी और आत्मविश्वास के साथ प्रदर्शन करते हुए देख रहे थे।

 

13 Years of Adhata Trust: Celebrating Positive Ageing by Empowering Elders
इस कार्यक्रम में मुंबई और नवी मुंबई के 16 अधाता केंद्रों के सदस्यों ने मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया।

हर बुजुर्ग ज्ञान का भंडार

Adhata Trustके संस्थापक, अरुण नंदा ने इस अवसर पर कहा, “अधाता का 13 वर्ष पूरा होना हम सभी के लिए गौरवपूर्ण उपलब्धि है। साल-दर-साल हम देखते हैं कि हमारे सदस्य यहां खुशी, आत्मविश्वास और उद्देश्य की नई भावना भर उठते हैं। इस साल की थीम, महा-तारा के साथ, हम उस रोशनी का जश्न मनाते हैं जो हर बुजुर्ग अपने ज्ञान, ऊर्जा और व्यक्तित्व के साथ लेकर चलते हैं, जो शान से उम्र बढ़ने के अर्थ को नया स्वरूप देता है। हम समाज में बुजुर्गियत से जुड़ी धारणा को बदलकर उन्हें निर्भरता से गरिमा की ओर, मौन से आत्म-अभिव्यक्ति की ओर ले जाना चाहते हैं। साथ मिलकर, हम एक ऐसी संस्कृति का पोषण कर रहे हैं जहां वृद्धावस्था को आनंद, ज्ञान और अनंत संभावनाओं की यात्रा के रूप में देखा जाता है।”

300 से ज्यादा बुजुर्गों को सहारा

अधाता ट्रस्ट के मुंबई, नवी मुंबई और ठाणे के 16 सामुदायिक केंद्रों में, आज 300 से ज़्यादा बुजुर्ग सदस्य हैं, साथ ही पनवेल में वृद्धाश्रम स्वर्णराज निवास और अंधेरी पश्चिम में एक डे केयर सेंटर भी है। ट्रस्ट हर साल भारत की बढ़ती बुजुर्ग आबादी और उनकी बदलती भावनात्मक और सामाजिक ज़रूरतों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए विश्व बुजुर्ग दिवस मनाता है। अधाता अपने कार्यक्रमों, सामुदायिक गतिविधियों और कल्याणकारी पहलों के ज़रिये ऐसा माहौल तैयार करता है जहां बुजुर्ग फिर से आत्मविश्वास, स्वतंत्रता हासिल कर पाते है और सामाजिक रूप से जुड़ पाते हैं। परिवार के सदस्य और दोस्त भी इन समारोहों में भाग लेते हैं, जिससे एकजुटता और सम्मान की भावना को बल मिलता है जो अधाता का लक्ष्य है।

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