शिकोहाबाद में कुएं में गिरी मोबाइल निकालने के चक्कर में एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत

Three members of a family died while trying to retrieve a mobile phone that had fallen into a well in Shikohabad

फायर ब्रिगेड की टीम खराब ऑक्सीजन सिलिंडर लेकर ही मौके पर पहुंच गया।

शिकोहाबाद। Poisonous gas in the well यूपी के शिकोहाबार में मंगलवार को एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत एक मोबाइल को कुएं से निकालने के चक्कर में हो गई। एक साक ​एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत से हड़कंप मच गया। हादसे के बाद पहुंचे बचाव दिल ने काफी मशक्कत के बाद तीनों के शव निकाले। इस दौरान परिजनों और बचाव दल में नोकझोंक भी सामने आई,क्योंकि बचाव दल नाकाफी इंतजामों के साथ घटनास्थल पर पहुंचा था। दरअसल फायर ब्रिगेड की टीम खराब ऑक्सीजन सिलिंडर लेकर ही मौके पर पहुंच गया। सिलिंडर से गैस का रिसाव हो रहा था। दूसरा सिलिंडर एक घंटे बाद लाया जा सका। लेटलतीफी को देखकर ग्रामीणों में गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने कई बार विरोध प्रकट किया। जिसको सीओ ने किसी तरह ग्रामीणों को समझा-बुझाकर शांत कराया।

कुएं में थी जहरीली गैस

शिकोहाबाद के नगला पोहपी गांव में कुएं में गिरे मोबाइल को निकालने बारी-बारी कुएं में उतरे चचेरे भाई ध्रुव कुमार, अजय कुमार एवं अजय का चाचा चंद्रवीर कुएं में जहरीली गैस होने के चलते बेहोश हो गए थे। उनको कुएं से बाहर निकालने के लिए ग्रामीणों समेत प्रशासनिक अमला भी मौके पर आ गया था। प्रशासनिक अधिकारियों ने तत्काल ही फायर ब्रिगेड की टीम को भी मौके पर बुला लिया। घटना की जानकारी मिलने पर शिकोहाबाद फायर ब्रिगेड प्रभारी बृजेश कुमार टीम के साथ मौके पर आ पहुंचे, लेकिन जैसे ही फायरकर्मी को ऑक्सीजन सिलिंडर लगाकर कुएं में प्रवेश करने के लिए भेजा गया। वैसे ही सिलिंडर से गैस का रिसाव होने लगा। एडीएम विशु राजा, एसडीएम डॉ. गजेंद्र सिंह समेत तमाम पुलिसकर्मियों एवं खुद अग्निशमन प्रभारी बृजेश कुमार ने सिलिंडर को ठीक करने का प्रयास किया, लेकिन रिसाव जारी रहा। ऐसे में कुएं से तीनों को बाहर निकलवाने में लगभग दो घंटे की देरी हो गई।

देरी पर ग्रामीणों ने जताई नाराजगी

फायर ब्रिगेड की बदइंतजामी को देखकर प्रशासनिक अधिकारी भी असहाय हो गए। यह नजारा देख ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। ग्रामीणों ने आक्रोश जताया। सीओ प्रवीण तिवारी एवं इंस्पेक्टर अनुज राणा ने माइक लेकर सभी ग्रामीणों को समझा-बुझाकर शांत कराया। दोपहर पौने तीन बजे करीब दूसरा ऑक्सीजन सिलिंडर एवं एफएसओ सतेंद्र पाण्डेय के आने के बाद रेस्क्यू शुरू किया जा सका। तीनों के शवों को कुएं से बाहर निकाला जा सका। अजय की मां अरना देवी एवं पत्नी पिंकी देवी और उसके दोनों बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल था। वह बार-बार बेसुध हो रही थीं।

बिगड़ी फायरकर्मियों की हालत

कुएं में ऑक्सीजन का स्तर पता करने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों ने मोमबत्ती को अंदर भेजा, लेकिन 10 फुट नीचे जाते ही मोमबत्ती बुझने लगी। ऑक्सीजन का स्तर की जांच करने के बाद ही फायरकर्मी नीचे गया। उसने पहले चंद्रवीर को बाहर निकाला। इसके बाद उसकी भी तबीयत बिगड़ गई। दूसरे कर्मचारी ने ध्रुव को बाहर निकाला। जिसके बाद दूसरे फायरकर्मी की भी तबीयत बिगड़ गई। इसके बाद अजय को बाहर निकाला गया।सीएफओ सत्येंद्र पांडेय ने बताया कि युवकों को कुएं से बाहर लाने के लिए 2.30 घंटे से अधिक का समय लग गया। दो फायरमैन नेत्रपाल और योगेंद्र को ऑक्सीजन सिलिंडर के सहारे कुएं में भेजा गया था। रेस्क्यू में 4-4 किलो के 10 ऑक्सीजन सिलिंडर खाली हो गए।

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