लखनऊ। पार्टी से निकाले जाने के बाद सपा से जीतकर विधायक बने Manoj Pandey ने अखिलेश यादव पर जमकर निशाना साधा, उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा भगवान श्रीराम को गाली देने वाले उन्हें किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं है। इसके अलावा उन पर हमला बोलते हुए कहा, वह किस पीडीए की बात करते है, जिस पार्टी के 90 फीसदी जिलाध्यक्ष एक ही जाति से आते है।
एक्स पर सपा ने दी जानकारी
सपा ने सोमवार को एक्स पर की पोस्ट में लिखा कि विधायक अभय सिंह, राकेश प्रताप सिंह और मनोज कुमार पांडेय को “उनकी सांप्रदायिक विभाजनकारी नकारात्मकता और किसान विरोधी, महिला विरोधी, युवा विरोधी, कारोबारी विरोधी, नौकरीपेशा विरोधी और ‘पीडीए विरोधी’ विचारधारा का समर्थन करने के कारण” निष्कासित कर दिया गया है। पोस्ट में यह भी लिखा है कि इन लोगों को हृदय परिवर्तन के लिए दी गई ‘अनुग्रह-अवधि’ की समय-सीमा अब पूरी हुई। शेष की समय-सीमा अच्छे व्यवहार के कारण शेष है। भविष्य में भी ‘जन-विरोधी’ लोगों के लिए पार्टी में कोई स्थान नहीं होगा। पार्टी के मूल विचार की विरोधी गतिविधियां सदैव अक्षम्य मानी जाएंगी। जहां रहें, विश्वसनीय रहें।
भाजपा की सदस्यता ले चुके है मनोज पांडेय
सपा की इस कार्रवाई विधायक Manoj Pandeyका कहना है कि सपा ने बहुत देर कर दी, हमनें तो 18 मई 2024 को ही अपनी रणनीति बना ली थी। जब हमने गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में भाजपा की सदस्यता ली थी। बता दें उन्होंने राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के बाद से वह भाजपा के खेमे में आ गए थे। लोकसभा चुनाव के पहले रायबरेली सीट से इस बात के भी संकेत मिल रहे थे कि हो सकता है कि मनोज पांडेय को ही टिकट दे दिया जाए।बाद में दिनेश प्रताप सिंह को रायबरेली से टिकट मिला। खास बात यह रही कि मनोज पांडेय ने दिनेश प्रताप सिंह की सभाओं से दूरी बना ली थी। उनकी नाराजगी को भांपकर गृहमंत्री अमित शाह उनसे मिलने के लिए उनके घर गए थे। इसके बाद मनोज पांडेय चुनाव प्रचार के लिए निकले थे।
सपा सरकार में मंत्री रहे Manoj Pandey
बता दें मनोज पांडेय की गिनती कभी सपा के कददावर नेताओं में होती थी। यहां तक कि मुलायम सिंह यादव की सरकार में मंत्री रहने के बाद अखिलेश यादव की सरकार में भी उनका ओहदा बरकार रहा। पार्टी ने सचिव भी बनाया था, इसके बाद पार्टी विरोधी काम के बारे में उनका कहना है। हमने सपा के लिए लाठी-डंडे खाए। हम किसानों, दलितों, पिछड़ों के हक के लिए लड़े। हम अन्याय के खिलाफ लड़े। हमारा इतिहास कभी ऐसा नहीं रहा कि हम फूलों पर चलकर आगे बढ़े हों। लेकिन, हमें आस्था से खिलवाड़ स्वीकार नहीं है। हमने कई बार पार्टी नेतृत्व को यह बात बताई। जिसने मां सीता को गाली दी, भगवान राम को गाली दी, वह पार्टी में महासचिव बना दिया गया। जब दूसरे दिन रामचरितमानस जलाई तो उसे विधान परिषद सदस्य बना दिया गया। मैंने उस समय से इसका विरोध किया। पार्टी के सामने अपनी बात रखी। जहां हमारी आस्था के साथ खिलवाड़ हो रहा हो, वहां हम भला कैसे रहते।
अखिलेश के पीडीए की उखाड़ी धज्जियां
विधायक Manoj Pandey ने स्पष्ट शब्दों में अखिलेश पर हमला बोला, उन्होंने कहा वह किस पीडीए की बात करते हैं, जिसमें राजू पाल की दौड़ा-दौड़ाकर हत्या कर दी गई। 19 गोली मारी गई। मारने वाले लोग जेल भी नहीं गए। वह भी तो पाल समाज से आता था और सिटिंग एमएलए भी था। उसे न्याय भी नहीं मिला। किस पीडीए की बात करते हैं, जिस पीडीए के यूपी में 99 फीसदी जिलाध्यक्ष सिर्फ एक जाति के हैं। किस पीडीए की बात करते हैं, जिस पीडीए में पिछड़े और अति पिछड़े जाति के लोग कभी न्याय नहीं पाए।
ऊंचाहार चुनाव लड़ने की घोषणा
मनोज पांडेय ने बताया उन्होंने अपनी रणनीति तो 18 मई 2024 को ही बना ली थी। उस दिन हम आधिकारिक रूप से भारतीय जनता पार्टी जॉइन कर चुके हैं। गरीबों की मदद के लिए, अपने क्षेत्र के विकास और उत्थान के लिए हम मेहनत कर रहे हैं। ऊंचाहार की जनता का आशीर्वाद रहेगा तो चुनाव वहीं होगा। वहीं की चौपालों में होगा। वहां की जनता इसका फैसला करेगी। लखनऊ के लोग इसका फैसला नहीं करेंगे। समाजवादी पार्टी का वहां कभी खाता नहीं खुला था। 403 लोगों को टिकट मिला था, लेकिन जीते सिर्फ 46 थे। उसमें ऊंचाहार की जनता ने हमें चुनकर लखनऊ भेजा था।
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