अब यूपी में टैक्स चोरी करने वालों की खैर नहीं, सीएम के निर्देश पर चलेगा प्रदेश व्यापी अभियान

Now there will be no mercy for tax evaders in UP, state-wide campaign will be run on the instructions of CM

मुख्यमंत्री ने कहा कर चोरी एक राष्ट्रीय अपराध है।

लखनऊ। यूपी में अब टैक्स चोरी करने वालों की खैर नहीं, सीएम योगी ने ऐसे लोगों पर कार्रवाई करने के लिए शनिवार को राज्य कर विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा करते हुए अधिकारियों से कर संग्रह में पारदर्शिता, तकनीकी दक्षता और कड़े प्रवर्तन की नीति अपनाने का निर्देश दिया। उन्होंने शेल कंपनियों और पंजीकृत फर्जी फर्मों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि इस तरह के कृत्य व्यापारी बन्धुओं की सुविधाओं में सेंध लगाने का प्रयास है, जो अक्षम्य है।

मुख्यमंत्री ने कहा कर चोरी एक राष्ट्रीय अपराध है और इससे राज्य की विकास योजनाओं तथा लोककल्याणकारी कार्यक्रमों पर प्रतिकूल असर पड़ता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) उपभोक्ता आधारित कर प्रणाली है, इसलिए जहां जनसंख्या घनत्व अधिक है, वहां से अपेक्षाकृत अधिक कर प्राप्त होना स्वाभाविक है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि ऐसे जोन जहां कर संग्रह औसत से कम है, वहां विशेष रणनीति बनाकर कार्य किया जाए।उन्होंने ने निर्देश दिया कि सेंट्रल जीएसटी के अंतर्गत पंजीकृत संदिग्ध फर्मों की जानकारी केंद्र को भेजी जाए ताकि उनका पंजीकरण निरस्त हो सके। वहीं स्टेट जीएसटी के अंतर्गत पंजीकृत फर्मों की विभागीय स्तर पर गहन जांच कर यदि अनियमितता मिले, तो पंजीकरण निरस्त कर एफआईआर दर्ज की जाए।

पंजीकृत फर्मों का करें निरीक्षण

मुख्यमंत्री ने सभी नई पंजीकृत फर्मों के स्थलीय निरीक्षण का निर्देश देते हुए कहा कि ऐसा न हो कि कुछ फर्जी कंपनियां ईमानदार करदाताओं के अधिकारों को बाधित करें। इसके दृष्टिगत सभी नई पंजीकृत फर्मों का स्थलीय निरीक्षण आवश्यक है, जिससे वास्तविक फर्म ईमानदारी से अपना कार्य कर सकें।बैठक में अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 1,75,725 करोड़ के लक्ष्य के सापेक्ष अप्रैल-मई माह में अब तक 18,161.59 करोड़ रुपए का जीएसटी और वैट संग्रहित किया जा चुका है, जिसकी उन्होंने सराहना करते हुए लक्ष्य प्राप्ति की कार्रवाई में तेजी लाने का निर्देश दिया।

मुख्यमंत्री ने लखनऊ (दोनों ज़ोन), अयोध्या, बरेली, आगरा, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, मेरठ, झांसी और सहारनपुर सहित लगभग 14 ज़ोन में 60% या उससे अधिक लक्ष्य पूर्ति को सराहनीय बताया। वहीं वाराणसी जोन प्रथम, प्रयागराज, कानपुर द्वितीय, इटावा, अलीगढ़ और मुरादाबाद जैसे ज़ोन में 50% से कम संग्रह को असंतोषजनक बताते हुए तत्काल व्यापक समीक्षा का निर्देश दिया।

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