नई दिल्ली। कांग्रेसी भले ही बाहरी तौर पाकिस्तान पर भारत की कार्रवाई के दौरान का समर्थन किया था, लेकिन उनके जुबान हमेशा देश विरोधी ही होती है। चाहे छोटा नेता हो या बड़ा हर कोई सेना का अपमान करने से पीछे नहीं हट रहा है। एक तरफ एक दो देश को छोड़कर सभी देश भारत की ताकत को मान रहे है, दूसरी ओर तेलंगाना के मुख्यमंत्री Revanth Reddy ने सरकार से पूछ डाला कितने राफेल नष्ट हुए।
जहां पाकिस्तान खुद अपनी बर्बादी कहानी घूम-घूमकर बता रहा है, वहीं ऐसे लोग सवाल उठा रहे है, भारत को कितना नुकसान हुआ है। बता दे इससे पहले हैदराबाद में ‘जय हिंद’ यात्रा से पहले एक जनसभा को संबोधित करते हुए रेवंत रेड्डी ने केंद्र सरकार की आलोचना की और कहा कि भाजपा सैन्य टकराव को एक राजनीतिक हथकंडे की तरह इस्तेमाल कर रही है।तेलंगाना सीएम ने मोदी सरकार पर भारत-पाक के बीच हुए सैन्य टकराव के नतीजों को लेकर चुप्पी साधने का आरोप लगाते हुए कहा कि चार दिन के टकराव के बाद क्या हुआ? किसने आत्मसमर्पण किया? हमें नहीं पता।
रेवंत रेड्डी यह आरोप लगाए
संघर्ष विराम की समाप्ति की घोषणा भारत ने नहीं बल्कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने क्यों की, जबकि हकीकत यह है ट्रंप खुद अपने बयान से पीछे हट गए हैं मैने कोई मध्यस्थता नहीं की। संघर्ष विराम के फैसले पर चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक नहीं बुलाने के लिए प्रधानमंत्री पर निशाना साधा, जबकि सरकार अभी और कार्रवाई के मूड में है, इसलिए अभी कोई बैठक नहीं बुलाई। युद्ध के मैदान में बाद अभी कूटनीति स्तर से पाकिस्तान को पंगु बनाया जा र हा है।नागरिकों और राजनीतिक दलों की बार-बार की मांग के बावजूद पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को वापस पाने में विफल रहने के लिए सरकार की आलोचना की।
पीएम पर किया कटाक्ष
भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से मोदी सरकार की तुलना करते हुए रेवंत रेड्डी ने कहा कि युद्ध सिर्फ भाषण देने के बारे में नहीं है। यह साहस, संकल्प और रणनीति के बारे में है। उन्होंने 1971 के युद्ध और बांग्लादेश निर्माण का हवाला देते हुए कहा, “जब अमेरिका ने पाकिस्तान का समर्थन किया था, तब इंदिरा गांधी अपने फैसले पर डटी रहीं और भारत ने 1971 का युद्ध जीता। उस युद्ध में हमने न केवल जीत हासिल की, बल्कि पाकिस्तान को विभाजित कर बांग्लादेश का निर्माण किया और कड़ा जवाब दिया।”
Revanth Reddy ने कहा, “लेकिन आज चीन ने हमारी 4 हजार वर्ग किलोमीटर जमीन पर कब्जा कर लिया है, सूर्यपेट के हमारे जवान कर्नल सुरेश बाबू को मार डाला और हमारे प्रधानमंत्री चुप हैं।” तेलंगाना के सीएम शायद यह भूल गए पीओके के जो हालात है वह कांग्रेस के प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की वजह से है। तत्कालीन गृहमंत्री के आग्रह के बाद भी नेहरू ने युद्ध विराम घोषित किया था। तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने राहुल गांधी की तारीफ करते हुए कहा कि वो इस स्थिति को अलग तरीके से संभालते।
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