Foreign Minister ने राहुल गांधी को दिया जवाब, ‘ऑपरेशन सिंदूर के बाद ही दी गई पाकिस्तान को जानकारी’

​Foreign Minister replied to Rahul Gandhi, 'Information was given to Pakistan only after Operation Sindoor'

सरकार ने बताया आतंकवाद के खिलाफ इस लड़ाई में भारत को वैश्विक स्तर पर समर्थन मिला है।

नई दिल्ली। आपरेरशन के सिंदूर के बाद से ही कांग्रेस अध्यक्ष खरगे और राहुल गांधी समेत तमाम नेता सरकार का साथ न देकर उलूल- जुलूल सवाल ​मीडिया के सामने पूछकर पाकिस्ताान प्रेम अपना प्रकट कर रहे थे। सोमवार को हुई संसदीय समिति की बैठक में सरकार ने सीमापार आतंकवाद को लेकर अपनी रणनीति साझा की, जिसमें कूटनीतिक पहल और अन्य कोशिशों की पूरी जानकारी दी। सरकार ने संसद की सलाहकार समिति के साथ बैठक में बताया कि पाकिस्तान में स्थित आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया, जो आतंकवाद का केंद्र थे। इससे पाकिस्तानी सेना के मनोबल पर चोट लगी है क्योंकि वह आतंकी शिविरों की रक्षा नहीं कर सकी।

सरकार ने कांग्रेस को दिया जवाब

Foreign Minister  ने बताया आतंकवाद के खिलाफ इस लड़ाई में भारत को वैश्विक स्तर पर समर्थन मिला है। वहीं पाकिस्तान को तीन देशों को छोड़कर- तुर्किये, अजरबैजान और चीन को छोड़कर किसी का समर्थन नहीं मिला। बैठक में कांग्रेस ने विदेश मंत्री की ओर से पाकिस्तान को कथित तौर पर हमले की सूचना दिए जाने के विवाद को उठाया। जिस पर सरकार ने स्पष्ट किया कि ‘भारत और पाकिस्तान के बीच डीजीएमओ स्तर के अलावा किसी भी तरह की कोई बातचीत नहीं हुई, और वह भी हमलों के बाद ही हुई थी। पहले आतंकी ठिकानों पर हमला हुआ, फिर PIB ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की। इसके बाद भारत के डीजीएमओ ने पाकिस्तानी डीजीएमओ से संपर्क किया। विदेश मंत्री ने कांग्रेस द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों को बेईमानी और घटनाओं का गलत चित्रण बताया।’

सिंधु जल समझौते पर दी जानकारी

सिंधु जल समझौते को लेकर संसदीय समिति ने सरकार से पूछा कि क्या वह सिंधु जल समझौते का स्थगन बरकरार रखेगी या सिर्फ सरकार ने प्रतीकात्मक तौर पर यह कदम उठाया है। इस पर सरकार ने कहा कि फिलहाल सिंधु जल समझौता स्थगित है और भविष्य में जो भी कदम उठाया जाएगा, उसके बारे में संसद को जानकारी दे दी जाएगी। विदेश मंत्रालय ने संसदीय समिति से राष्ट्रीय एकता बनाए रखने की अपील की और बताया कि इसी के तहत सर्वदलीय सांसदों के प्रतिनिधिमंडल विभिन्न देशों के दौरे पर भेजे गए हैं। बैठक में सांसदों ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे को लेकर सवाल किया, जिस पर सरकार ने बताया कि अमेरिका और अन्य देशों ने भारत को पाकिस्तान के साथ बातचीत की सलाह दी थी, लेकिन उन्हें बता दिया गया कि आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकतीं।

कांग्रेस ने लगाए ये आरोप

संसदीय समिति की बैठक में कांग्रेस ने पूछा कि भारत के साथ पाकिस्तान का नाम क्यों जोड़ा गया? लेकिन सरकार इस पर जवाब नहीं दे पाई। कांग्रेस ने आईएमएफ का मुद्दा भी उठाया और पूछा कि आईएमएफ द्वारा पाकिस्तान को कर्ज दिए जाने पर भारत तटस्थ क्यों रहा। कांग्रेस ने साथ ही पाकिस्तान और चीन के बीच बढ़ते सैन्य सहयोग और रणनीतिक साझेदारी पर भी चिंता जाहिर की। कांग्रेस ने अमेरिका के विदेश मंत्री के उस बयान पर भी सवाल किया, जिसमें मार्को रुबियो ने दावा किया था कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच शांति समझौता कराया।

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