बागपत। बंटवारे के दौरान भारत छोड़कर पाकिस्तान गए पूर्व राष्ट्रपति जनरल Pervez Musharraf और उनके परिवार की जमीन को बड़ौत के पंकज ठेकेदार व मनोज गोयल और गाजियाबाद के जेके स्टील मालिक बन गए। कोताना में मौजूद उनकी शत्रु संपत्ति घोषित हो चुकी करीब 13 बीघा जमीन को इन्होंने 1.38 करोड़ रुपये में खरीदा । शत्रु संपत्ति अभिरक्षक कार्यालय लखनऊ से पर्यवेक्षक प्रशांत सैनी ने शनिवार को बड़ौत तहसील में पहुंचकर जमीन के बैनामे कराए।
शत्रु संपत्ति अभिरक्षक कार्यालय ने बेचा
बता दें पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति Pervez Musharraf का परिवार वर्ष 1943 में कोताना से दिल्ली जाकर रहने लगा था और उनका परिवार वर्ष 1947 में बंटवारे के समय पाकिस्तान में चला गया था। मगर उनके परिवार की हवेली व खेती की जमीन कोताना में थी। इसमें से परवेज मुशर्रफ की जमीन बेच दी गई थी तो उनके भाई डॉ. जावेद मुशर्रफ व परिवार के सदस्यों की जमीन को पंद्रह साल पहले शत्रु संपत्ति में दर्ज कर दिया गया था। इसके बावजूद जमीन की पहचान इनके नाम से होती है। इसमें से बांगर की करीब 13 बीघा शत्रु संपत्ति की नीलामी शत्रु संपत्ति अभिरक्षक कार्यालय लखनऊ ने सितंबर 2024 में कराई गई।
यह कई खसरों में होने के कारण अलग-अलग बोली लगाकर बड़ौत के पंकज ठेकेदार व मनोज गोयल और गाजियाबाद की जेके स्टील के नाम से खरीदी गई। इसके रुपये जमा कराने के बाद शनिवार को बैनामा कराने के बाद इन तीनों के नाम दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। अब इस जमीन से मुशर्रफ के परिवार का नाम पूरी तरह से खत्म हो गया। कोताना में कुछ शत्रु संपत्ति खादर तो कुछ बांगर के रिकॉर्ड में दर्ज है। इनमें फिलहाल बांगर की संपत्ति की नीलामी कराई गई है। खादर की शत्रु संपत्ति की नीलामी की प्रक्रिया होनी बाकी है। इसके लिए संपत्ति के आधार मूल्य के लिए सर्वे किया जाएगा और उसके बाद ही आगे की कार्रवाई शुरू की जाएगी।
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