शादीशुदा महिला को प्रेम करना पड़ा भारी, दूरी बनाने पर सनकी प्रेमी ने कुल्हाड़ी से मारकर ली जान

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In Auraiya, Kalyugi's son killed his parents with an ax for land, silence in the village due to double murder.
गांव में सात बीघा खेत में दो भाइयों का हिस्सा था और रमाकांत का नहीं था।

उन्नाव। यूपी के उन्नाव निवासी एक शादीशुदा महिला को पड़ोसी युवक से दिल लगाने की कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। दरअसल महिला एक साल प्रेमी के साथ रहने के बाद अपने पति के पास बेटे के साथ लौट आई थी, इससे वह नाराज था, वह लगातार उस पर फिर साथ चलने के लिए दबाव बना रहा था, लेकिन महिला उसके साथ जाने को तैयार नहीं थी, इसी आक्रोश में सनकी प्रेमी ने अलसुबह उस पर कुल्हाड़ी से हमला करके उसकी जान ले ली।

तीन साल पहले प्रेमी के साथ गई थी महिला

जब आरोपी अपनी प्रेमिका पर कुल्हाड़ी से वार करके हत्या की, उसी दौरान घर के बाहर शौचालय में मौजूद पति भागा तो हत्यारा उसी घर के एक कमरे में छिप गया। पति ने बाहर से कमरे की कुंडी लगा दी और पुलिस को सूचना दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने हत्यारोपी को कुल्हाड़ी सहित गिरफ्तार कर लिया। मृतका के पति की तहरीर पर हत्या की रिपोर्ट दर्ज की गई है। सफीपुर कस्बे के मोहल्ला बाकरगंज निवासी राम सिंह की पत्नी रिंकी (40) तीन साल पहले होली के दिन अपने तीन बच्चों और पति को छोड़कर पड़ोसी अनिल के साथ चली गई थी। दोनों उन्नाव शहर में किराए का कमरा लेकर साथ रहने लगे।

विवाद के बाद लौटी थी महिला

घर वालों ने बताया कि रिंकी एक फैक्टरी में काम करती थी और अनिल फल का ठेला लगाता था। एक माह पहले अनिल से अनबन होने पर रिंकी अपने पति व बच्चों के पास लौट गई थी। वह दोबारा अनिल के साथ नहीं रहना चाहती थी, लेकिन अनिल लगातार उस पर साथ रहने का दबाव बना रहा था। अनिल ने दस दिन पहले चंडीगढ़ में रह रहे अपने परिचित सुरजन के घर की चाभी ले ली।रिंकी के घर के ठीक सामने स्थित इस कमरे में वह अक्सर आने-जाने लगा और रिंकी पर मिलने और साथ रहने का दबाव बनाने लगा, लेकिन रिंकी राजी नहीं हुई। शनिवार रात अनिल इसी कमरे में रुका था। सुबह उसके पति राम सिंह के घर से जाने का इंतजार करने लगा। सुबह जैसे ही राम सिंह घर के बाहर बने शौचालय में शौच के लिए गया।

हत्यारोपी तीन महिलाओं से कर चुका था विवाह

हत्यारोपी अनिल ने पुलिस को बताया कि उसने तीन विवाह किए लेकिन कुछ दिन बाद सभी उसे छोड़कर चली गईं। उसके बाद पड़ोसी रिंकी उसके संपर्क में आई। वह साथ जाने को राजी हुई तो उसे लेकर पहले लखनऊ, फिर दिल्ली गया। वहां काम न मिलने पर उन्नाव आकर रहने लगा। रिंकी ने फैक्टरी में मजदूरी की और हत्यारोपी फल का ठेला लगाकर जीवन यापन करने लगा।

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