ट्रेन हादसा: तेज आवाज से टक्कर के बाद हर तरफ बिखड़ गए मानव अंग, मची चीख- पुकार

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Train accident: after collision with loud sound, human parts scattered everywhere, there was screams
हर जगह बिना हाथ और बिना पैरों के शव पड़े देखे। लोग बदहवास होकर अपने परिजनों को खोज रहे थे। यह दृश्य वर्णन करने के लिए बहुत भयानक है।'

भुवनेश्वर: ट्रेन में सफर के दौरान किसी भी यात्री के मन में किसी हादसे का डर था हर कोई यात्रा की थकान से चूर था। ट्रेन बहनागा बाजार स्टेशन पर शुक्रवार शाम पहुंचीं, इस दौरान तेज धमका हुआ ऐसा लगा ट्रेन भूकंप आ गया, उथल— पुथल मच गई, हर तरफ से रोने-धोने और बचाव की मदद के लिए आवाजे आने लगी।

जो हादसे में जान गवा बैठे वे तो शांत हो गए और जो बच गए वह दर्द से कराहने लगे। ट्रेन हादसे की सूचना पर पहुंचे लोगों ने जब वहां के मंजर देखे तो उनका कलेजा कांप गया। मालगाड़ी के डिब्बे के उपर ट्रेन के डिब्बे चढ़ गए बोगियां पलटी हुई ​थी। हर कोई घायलों को बचाने के लिए हाथ पैर मारने लगा। देखते ही देखते स्टेशन के बाहर एंबुलेंस और पुलिस की गाड़ियों की लाइन लग गई। घायलों को बचाकर निकालने का सिलसिला शुरू हुआ तो एक हजार से ज्यादा लोगों को बाहर निकाल कर अस्पताल पहुंचाया गया, जिनमें से अब तक 233 से ज्यादा लोगों को मृत घोषित कर दिया गया। बाकी लोगों का इलाज जारी है।

लाशों का लग गया ढेर

यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस और कोरोमंडल एक्सप्रेस के हादसे के बाद बाहर निकाले गए एक यात्री ने बताया कि अचानक तेज आवाज हुई और लोग सीट से उछलकर गिर पड़े इसके बाद पूरी बोगी से घायलों के चिलाने की आवाज आने लगी। हर तरफ घायल पड़े हुए थे, किसी का हाथ टूटा था तो किसी का पैर, कई ने तो मौके पर दम तोड़ दिया था। हादसे के प्रत्यक्षदर्शी एक अन्य अधेड़ व्यक्ति ने कहा, ‘टक्कर की भयानक आवाज थी। हम मौके पर पहुंचे और हर जगह बिना हाथ और बिना पैरों के शव पड़े देखे। लोग बदहवास होकर अपने परिजनों को खोज रहे थे। यह दृश्य वर्णन करने के लिए बहुत भयानक है।’

ये हैं हेल्पलाइन नंबर्स

ईस्ट कोस्ट रेलवे ने देर शाम एक बयान में कहा, ‘12864 (बेंगलुरु-हावड़ा) डाउन मेन लाइन से गुजर रही थी, जिसके दो डिब्बे पटरी से उतर गए। पटरी से उतरे ये डिब्बे 12841 कोरोमंडल एक्सप्रेस से टकरा गए और एक्सप्रेस के डिब्बे पलट गए। दुर्घटना स्थल पर दृश्य बेहद परेशान करने वाले थे। परिजन अपनों की तलाश कर रहे थे। हमने बचाव अधिकारियों को घायलों को अस्पतालों में ले जाने में मदद की।

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