नए संसद भवन को साइबर अटैक से बचाने इस तकनीकि का किया गया इस्तेमाल, चीन भी नहीं तोड़ पाएगा

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The opposition boycott of the opening of the new parliament is a form of democratic protest.
गौरवशाली संघर्ष में भारत की महिलाओं द्वारा निभाई गई भूमिका की मान्यता का प्रतीक था।

नईदिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार सुबह नई संसद भवन को देश को समर्पित कर दिया। यह भवन अपने आप में बहुत ही खास हैं, इस तमाम वह खूबियां है,जिसके बारे में सोचा तक नहीं जा सकता है। आइए इसकी खूबियों के बारे में आपकों बताए…

सेंध नहीं लगा सकते हैकर्स

नए संसद भवन को फूलप्रूफ साइबर सिस्टम से लैस किया गया है। जिन विशेषज्ञों ने इस सिस्टम को तैयार किया है, उन्होंने इसे ‘स्टेट ऑफ आर्ट’ साइबर सिक्योरिटी का नाम दिया है। यानी साइबर सिक्योरिटी के मामले में अत्याधुनिक सुरक्षा घेरा। इस सिस्टम को ‘प्रो एक्टिव साइबर सिक्योरिटी’ भी कहा जा सकता है। नए संसद भवन में चीन, पाकिस्तान सहित अन्य किसी भी देश के हैकर्स सेंध नहीं लगा सकते। संसद भवन का साइबर सिक्योरिटी सिस्टम इतना मजबूत है कि वह साइबर अपराध की काली दुनिया ‘डार्क वेब’, जिसे ‘इंटरनेट का अंडरवर्ल्ड’ भी कहा जाता है, को पार्लियामेंट के आईटी सिस्टम के निकट भी नहीं फटकने देगा।

नए संसद भवन में इंटरनेट एकीकृत नेटवर्क के अलावा एयर-गैप्ड कंप्यूटर तकनीक भी रहेगी। एयर-गैप्ड कंप्यूटर, मौजूदा नेटवर्क से जुड़े उपकरणों के साथ वायरलेस या भौतिक रूप से कनेक्ट नहीं हो सकता। एयर गैप कंप्यूटर सिस्टम के जरिए डेटा को मैलवेयर और रैनसमवेयर से पूर्ण सुरक्षा मिलती है। इसे इंट्रानेट यानी बाकी नेटवर्क से अलग सिस्टम भी कहा जाता है। नए संसद परिसर में सुरक्षा संचालन केंद्र (एसओसी) द्वारा वाईफाई पर 2,500 इंटरनेट नोड्स के उपकरणों पर नजर रहेगी। इसके अलावा 1,500 एयरगैप्ड नोड्स और 2,000 उपकरणों का नेटवर्क, इन सबकी कार्यप्रणाली पर केंद्रीयकृत तरीके से सर्विलांस हो सकेगी।

 केंद्रीय मंत्रालयों से पर हुए साइबर हमले

आपकों बता दें कि देश में साइबर अटैक को रोकने के लिए केंद्र सरकार, हर संभव प्रयास कर रही है, लेकिन इसके बावजूद डेटा में सेंध लग रही है। भाजपा की वेबसाइट हैक हो चुकी है। संघ लोक सेवा आयोग की वेबसाइट को भी हैक कर लिया गया था। राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) भी साइबर अटैक से नहीं बच सका। रक्षा, विदेश मंत्रालय और केंद्रीय जांच एजेंसियों के कंप्यूटरों पर भी साइबर हमला हुआ है, इसलिए नए संसद भवन में पूरी व्यवस्था की गई है।

75 रुपये का सिक्का जारी होगा

  • सिक्के के दोनों तरफ अशोक स्तंभ, जिस पर भारत और इंडिया लिखा है।
  • इसके नीचे रुपए के चिह्न के साथ 75 लिखा है।
  • सिक्के के दूसरी तरफ संसद की तस्वीर होगी और उसके नीचे 2023 लिखा है।
  • इस सिक्के को कोलकाता की टकसाल में ढाला गया है।
  • सिक्के का डायमीटर 44 मिमी है। इसका वजन 34.65-35.35 ग्राम है।
  • इस सिक्के में 50% सिल्वर, 40% कॉपर, 5% निकल और 5% जिंक है।
  • सिक्के के एक तरफ अशोक स्तंभ होगा, जिसके नीचे सत्यमेव जयते लिखा है।
  • बाईं ओर देवनागरी में भारत और दाईं ओर अंग्रेजी में इंडिया लिखा होगा।
  • नए सिक्के में रुपए का साइन होगा और लायन कैपिटल के नीचे 75 रुपए लिखा होगा।
  • सिक्के की दूसरी साइड पर संसद परिसर की तस्वीर होगी।
  • तस्वीर के ऊपर देवनागरी में संसद संकुल और नीचे अंग्रेजी में पार्लियामेंट कॉम्प्लेक्स लिखा है।

 

नई संसद की खासियत

  • अभी लोकसभा में 590 लोगों की सीटिंग कैपेसिटी है। नई लोकसभा में 888 सीटें हैं और विजिटर्स गैलरी में 336 से ज्यादा लोगों के बैठने का इंतजाम है।
  • अभी राज्यसभा में 280 की सीटिंग कैपेसिटी है। नई राज्यसभा में 384 सीटें हैं और विजिटर्स गैलरी में 336 से ज्यादा लोग बैठ सकेंगे।
  • लोकसभा में इतनी जगह होगी कि दोनों सदनों के जॉइंट सेशन के वक्त लोकसभा में ही 1272 से ज्यादा सांसद साथ बैठ सकेंगे।
  • संसद के हर अहम कामकाज के लिए अलग-अलग ऑफिस हैं। ऑफिसर्स और कर्मचारियों के लिए भी हाईटेक ऑफिस की सुविधा है।
  • कैफे और डाइनिंग एरिया भी हाईटेक है। कमेटी मीटिंग के अलग-अलग कमरों में हाईटेक इक्विपमेंट लगाए गए हैं।
    कॉमन रूम्स, महिलाओं के लिए लाउंज और VIP लाउंज की भी व्यवस्था है।

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