बेमौसम बारिश से 33 फीसदी से ज्यादा फसल बर्बाद होने पर ही मिल रहा मुआवजा, उठ रहे हैं सवाल

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Compensation is being received only if more than 33 percent of the crop is wasted due to unseasonal rains, questions are being raised
ऐसे किसानों में मायूसी है जिनकी फसल 33 फीसदी से कम बर्बाद हुई है। वे मुआवजे के फॉमूले पर सवाल उठा रहे हैं।

लखनऊ। प्रदेश में बेमौसम हुई बरसात और आंधी से किसानों को काफी नुकसान हुआ।सरसों, गेहूं समेत सब्जियों की फसल को नुकसान हुआ, लेकिन सरकार उन्हीं किसानों को मुआवज देगी जिनकी फसल 33फीसदी से ज्यादा आंका गया है। अभी तक के आंकलन में अभी तक मात्र 19 हजार किसान शामिल है, जिन्हें मुआवजा​ मिलेगा। सरकार ने इसके लिए 13 करोड़ से ज्यादा की राशि मंजूर की है। पर ऐसे किसानों में मायूसी है जिनकी फसल 33 फीसदी से कम बर्बाद हुई है। वे मुआवजे के फॉमूले पर सवाल उठा रहे हैं।

इन जिलों में हुआ ज्यादा नुकसान

सू्त्रों के अनुसार प्रदेश के हमीरपुर, ललितपुर, प्रयागराज, वाराणसी, आगरा, बरेली व उन्नाव में ओलावृष्टि से फसलों के नुकसान की बात सामने आई है। उन्नाव में 21 मार्च को ओलावृष्टि हुई है, जिसका सर्वे चल रहा है। बाकी जिलों के सर्वे में किसानों की फसलों के 33 फीसदी से ज्यादा नुकसान की पुष्टि हुई है। प्रयागराज में सबसे अधिक 10 हजार से ज्यादा किसानों की करीब साढ़े चार हजार हेक्टेयर फसल नष्ट हुई है।

इन जिलों में हुआ कम नुकसान

सर्वे रिपोर्ट के अनुसार मिर्जापुर, सोनभद्र व महोबा में भी ओलावृष्टि से नुकसान की बात सामने आई है। लेकिन, इन जिलों में नुकसान 33 फीसदी से कम आंका गया है। ऐसे में यहां के किसान सरकार के फॉर्मूले पर सवाल उठाते हैं कि यदि 32 फीसदी नुकसान हुआ है तो उनका क्या गुनाह। सरकार को नुकसान के अनुपात में मुआवजा तय करना चाहिए। हालांकि रिपोर्ट बुधवार सुबह तक की है। प्रदेश में सर्वे जारी है। आगे भी फसल बर्बादी पर मुआवजा मिलता रहेगा।

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