लखनऊ। उमेश पाल की हत्याकांड में माफिया का पूरा परिवार शामिल हैं, यह बात अब एसटीएफ की जांच में स्पष्ट हो गया। हत्या की साजिश रचने वाले असद के बेटे ने सारे लोगों को नए मोबाइल और सिम खरीद कर दिए थे। जब भी ग्रुप कॉलिंग होती थी, उसमें माफिया की पत्नी शाइस्ता भी शामिल होती थी। एसटीएफ की जांच में सामने आया है कि उमेश की हत्या की साजिश रचने वाले अतीक, उसका भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता, बेटा असद आपस में व्हाट्सएप ग्रुप कॉल के जरिए बातचीत कर रहे थे।
इसके पुख्ता सुबूत मिलने पर शूटरों के साथ अब शाइस्ता भी एसटीएफ के निशाने पर आ चुकी है। वहीं एसटीएफ को एक फरार शूटर के बारे में भी पुख्ता जानकारी हाथ लगी है।इसके साथ सरकार ने सभी फरार आरोपियों पर ईनाम बढ़ाकर पांच लाख कर दिए हैं।जांच में सामने आया है कि उमेश पाल की हत्या के बाद असद ने सारे शूटरों के मोबाइल जमा कर लिए थे और उनको नए मोबाइल और सिम दिए थे। उसने सबके मोबाइल पर व्हाट्सएप एक्टिवेट करके इसके जरिए ही संपर्क करने को कहा था।
11 फरवरी को बरेली में हुई थी मीटिंग
एसटीएफ की जांच में सामने आया है कि बरेली जेल में 11 फरवरी को अशरफ से असद, शूटर विजय चौधरी उर्फ उस्मान, गुड्डू मुस्लिम और गुलाम मिलने गए थे। जेल में अशरफ से मुलाकात के लिए आने वालों को रोका नहीं जाता था। उनके हाथ पर मुहर लगाकर अंदर भेज दिया जाता था और मुलाकात रजिस्टर में उनका नाम-पता दर्ज नहीं होता था। बरेली जेल में हुई इस गैरकानूनी मुलाकातों की सीसीटीवी फुटेज प्रयागराज पुलिस को सौंप दी गयी है जिसकी एसटीएफ भी गहराई से छानबीन कर रही है।
एसटीएफ ने बहराइच से दो को उठाया
प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड के मामले में बहराइच से दो लोगों को एसटीएफ ने उठाया है। इन पर माफिया अतीक अहमद के करीबी होने का शक है। यह भी बताया जा रहा है कि इनमें एक का शहर में शापिंग मॉल है। चर्चा है कि इन्हीं में से एक व्यक्ति के होटल में घटना के मुख्य आरोपी आरोपी अतीक का पुत्र असद और उसका एक साथी रुका था। इसके बाद यह सीमा क्षेत्र में जाकर नेपाल में दाखिल हो गए हैं। हालांकि पुलिस अधिकारी इस बात की जानकारी से इंकार कर रहे हैं। प्रयागराज की घटना के बाद लगातार इस बात की चर्चा लोगों द्वारा की जा रही है कि घटना में शामिल अतीक का बेटा असद व एक अन्य आरोपी वारदात को अंजाम देने के बाद लखनऊ के रास्ते सबसे पहले बहराइच पहुंचे थे।
नेपाल भागने की चर्चा
यह भी चर्चा है कि वह यहां होटल में कुछ समय के लिए रुके भी थे। उसके बाद यहां से नेपाल में दाखिल हो गए। यही कारण है कि वारदात के कई दिन बीतने के बाद भी यह आरोपी अभी तक पुलिस की पकड़ में नहीं आ सके। पुलिस व एसटीएफ के सूत्रों की मानें तो इनका साथ देने के आरोप में शहर में एक माल संचालक व एक होटल संचालक को एसटीएफ की टीम ने सोमवार को उठा लिया। इसके अलावा एक दर्जन से अधिक लोग रडार पर हैं जिन पर अतीक अहमद के करीबी होने के साथ उसको फाइनेंस करने का भी शक है।
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