लखनऊ, बिजनेस डेस्क। एक लोकप्रिय कहावत है, ‘‘हर कामयाब आदमी के पीछे एक महिला का हाथ होता है’’। भदोही शहर के विवेक भी ऐसे ही भाग्यशाली व्यक्ति हैं, जिनकी पत्नी गायत्री पाण्डे की वजह से उनका जीवन पूरी तरह बदल गया। बनारस के नज़दीक छोटे से शहर भदोही से ताल्लुक रखने वाले विवेक बेहद भाग्यशाली हैं, उनकी पत्नी ने उनके जीवन के सबसे मुश्किल दौर में उनका साथ निभाया।
नौकरी छूटने से संकट
विवेक एक प्रतिभाशाली एवं मेहनती सेल्समैन हैं, जो एसबीआई क्रेडिट कार्ड के सेल्स डिपार्टमेन्ट में काम करते थे। वे बहुत अच्छा कर रहे थे, लेकिन उनके भाग्य को कुछ और ही मंजूर था। उनके परिवार को मुश्किल दौर से गुज़रना पड़ा, जिसके चलते विवेक को अपनी नौकरी से इस्तीफ़ा देना पड़ा। वे अपने परिवार में रोज़ी-रोटी कमाने वाले अकेले व्यक्ति थे, ऐसे में नौकरी छूटने के बाद परिवार की मुश्किलें बढ़ गईं। परिवार की समस्या हल होते ही वे कारोबार में आ गए और अपने लिए उचित नौकरी तलाशने लगे। विवेक ने तकरीबन 1 महीने तक विभिन्न प्लेटफाॅम्र्स पर नौकरी ढूंढने की कोशिश की, लेकिन काम का अच्छा अनुभव के बावजूद भी वे अपने लिए अच्छी नौकरी नहीं ढूंढ पा रहे थे।
अपना ऐप बना मददगार
अपने परिवार का पालन-पोषण करने और आर्थिक स्थिरता पाने के लिए उन्हें जल्द से जल्द नौकरी की ज़रूरत थी। लेकिन उनकी सभी कोशिशें बेकार जा रहीं थीं, क्योंकि एक महीने में उन्हें एक इंटरव्यू के लिए भी नहीं बुलाया गया था। लेकिन तभी उन्हें अपने जीवन में उम्मीद की नई किरण दिखाई दी। जब वे अपने लिए नौकरी की तलाश में थे, तभी उनकी पत्नी को अपने किसी दोस्त से अपना ऐप के बारे में पता चला, जिनके बेटे को हाल ही में अपना के ज़रिए नौकरी मिली थी। उनकी पत्नी ज़्यादा पढ़ी-लिखी नहीं है, लेकिन उन्होंने तुरंत अपना ऐप डाउनलोड किया और इस पर अपने पति का प्रोफाइल बनाया।
जिंदगी फिर पटरी पर लौटी
यह पूरी प्रक्रिया उन्हें बेहद सुविधाजनक और यूज़र फ्रेंडली लगी। उन्होंने अपने पति का सी.वी. अपलोड किया और अपने पति की ओर से नौकरियों के आवेदन देने लगीं। वह हैरान रह गईं जब इतने कम समय में उन्हें कोटक महिन्द्रा बैंक ने इंटरव्यू के लिए बुला लिया। जब विवेक ने इसके बारे में सुना, तब उनकी खुशी की कोई सीमा नहीं रही। इंटरव्यू अच्छा गया और विवेक को कोटक महिन्द्रा बैंक में सेल्स के टीम लीडर की नौकरी मिल गई। आखिरकार उनकी ज़िंदगी फिर से पटरी पर लौट आई।
अपना का धन्यवाद करते हुए विवेक ने कहा, ‘‘ अपना के ज़रिए ही मेरे जीवन में वापस स्थिरता आई, अपना जैसा कोई प्लेटफाॅर्म नहीं। बाकी प्लेटफाॅम्र्स शुल्क लेते हैं लेकिन चदं मुफ्त है, इससे बेहतर क्या हो सकता है? अब मैं अपने भविष्य की योजना बना सकता हूं। मैंने साईड बिज़नेस के बारे में सोचा है, जो मैं करना चाहता हूं। यह सब इस जाॅब के कारण ही हो पाएगा, जो चदं की वजह से मुझे इतनी आसानी से मिल गई।’
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