मनीबॉक्स ने एसबीआई से प्राप्त किया 50 करोड़ का टर्म लोन

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Moneybox avails term loan of 50 crores from SBI
बच्चों की शिक्षा और समग्र विकास में सहयोग के लिए एक गैर-लाभकारी संगठन, उदयन के साथ हाथ मिलाया है। कंपनी का दिल छू लेने वाला डिजिटल वीडियो मिष्टी के जीवन के एक दिन को दर्शाता है।

लखनऊ,बिजनेस डेस्क। बीएसई पर सूचीबद्ध नॉन-बैंकिंग फाइनैंस कंपनी मनीबॉक्स फाइनैंस लिमिटेड जो तीसरे स्तर के शहरों और छोटे नगरों में लघु एवं छोटे उद्यमों को सूक्ष्म ऋण उपलब्ध कराती है, ने एसबीआई से 4 साल की अवधि के लिए रु 50 करोड़ का टर्म लोन हासिल किया है। इस धनराशि का उपयोग कर कंपनी कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्रों के लघु उद्यमियों को ऋण उपलब्ध कराएगी।

एसबीआई से प्राप्त किए इस ऋण तथा 21 मौजूदा ऋणदाताओं से प्राप्त हो रहे निरंतर सहयोग के साथ कंपनी अपनी योजनाओं के अनुसार उचित लिक्विडिटी बनाए रख सकेगी और इससे कंपनी का एयूएम जो अक्टूबर 2022 में रु 190 करोड़ था, उसे मार्च 2023 तक रु 400 करोड़ तक पहुंचाने की योजनाओं को पूरा करने में मदद होगी। इस मौके पर दीपक अग्रवाल, सह-संस्थापक, मनीबॉक्स ने कहा, ‘‘हम एसबीआई के प्रति आभारी हैं जिन्होंने हमारे बेहद सफल और अनूठे फिजिटल बिज़नेस मॉडल में भरोसा किया है, जहां हम न सिर्फ छोटे एवं सीमांत कृषि-उद्यमियों को उनकी पंूजी बढ़ाने में मदद करते हैं, बल्कि ऋण के दायरे से बाहर जाकर उनकी सम्पत्ति के गुणवत्ता को बनाए रखने में भी योगदान देेते हैं।

छोटे कारोबारियों की मदद

एसबीआई से मिला यह टर्म लोन वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के हमारे प्रयासों में कारगर होगा, इससे हम रुपये 1-10 लाख के छोटे कारोबार ऋण सेगमेन्ट की ऋण संबंधी ज़रूरतों को पूरा कर सकेंगे। सशक्त एवं बड़े पैमाने के लिए बिज़नेस मॉडल तथा पूरी तरह से डिजिटल प्रक्रिया एवं जोखिम मूल्यांकन क्षमता के साथ हम छोटे नगरों के छोटे कारोबारों पर बड़ा सकारात्मक प्रभाव उत्पन्न करने के लिए तैयार हैं।

पशुधन के लिए मिलेगा ऋण

मनीबॉक्स तीसरे स्तर के शहरों एवं छोटे नगरों में लघु उद्यमियों की ऋण संबंधी ज़रूरतों को पूरा कर वित्तीय समावेशन को बढ़ावा दती है। रु 320 करोड़ के समग्र वितरण के साथ, यह 20000 से अधिक ऋण प्राप्तकर्ताओं के जीवन में बदलाव ला चुकी है, जिनमें से 45 फीसदी महिलाएं एवं 38 फीसदी नए ऋण लेने वाले लोग हैं। कंपनी अपने विभिन्न प्रयासों के द्वारा ऋण लेने वालों के जीवन में स्थायी बदलाव लाई है जैसे पशुधन हेतु ऋण वालों के लिए निःशुल्क वेट कन्सलटेशन सर्विस, ऋण लेने वाले जिन लोगों के पास अपनी कृषि भूमि है, उन्हें फल वाले निःशुल्क पेड़ उपलब्ध कराना और इस तरह उन्हें आय के वैकल्पिक स्रोत उपलब्ध कराना।

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