उत्तरकाशी। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में डोकरानी बामक ग्लेशियर में आज एवलांच हो गया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एवलांच की चपेट में आने से नेहरू पर्वतारोहण संस्थान(निम) के 29 लोग वहां फंसे थे।उनकी खोज में गए जवानों को अभी तक 9 शव बरामद हुए हैं। वहीं, 25 पर्वतारोही अभी भी लापता हैं।
एसडीआरएफ की पांच टीमें रवाना
डीआईजी एसडीआरएफ रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि एयरफोर्स से शासन ने संपर्क किया है। तीन हेलीकॉप्टर पूरे क्षेत्र की रेकी करेंगे। एसडीआरएफ कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने बताया कि सहस्त्रधारा हेलीपैड से एसडीआरएफ की पांच टीमें घटनास्थल के लिए रवाना हो गई हैं। तीन टीमों को रिजर्व में रखा गया है। जरूरत पड़ने पर इन टीमों को भी रवाना किया जाएगा।22 सितंबर से चल रहा था प्रशिक्षणनेहरु पर्वतारोहण संस्थान निम का डोकरानी बामक ग्लेश्यिर में द्रोपदी डांडा-2 पहाड़ी पर बीते 22 सितंबर से बेसिक/एडवांस का प्रशिक्षण चल रहा था। जिसमें बेसिक प्रशिक्षण 97 प्रशिक्षार्थी, 24 प्रशिक्षक व निम के एक अधिकारी समेत कुल 122 लोग शामिल थे। जबकि एडवांस कोर्स में 44 प्रशिक्षणार्थी व नौ प्रशिक्षक समेत कुल 53 लोग शमिल थे।
फंसे लोगों की तलाश तेज
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि क्रेवांस में फंसे लोगों को निकालने के लिए निम द्वारा रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है। घटना स्थल पर निम के पास दो सेटेलाइट फोन मौजूद हैं। रेस्क्यू अभियान के लिए निम के अधिकारियों के साथ निरन्त समन्वय किया जा रहा है।
इस अपदा के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट कर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से इस मामले में बात की है। उन्होंने लिखा कि रेस्क्यू अभियान में तेजी लाने के लिए सेना की मदद लेने के लिए अनुरोध किया गया है, जिसको लेकर उन्होंने हमें केंद्र सरकार की ओर से हर संभव सहायता देने के लिए आश्वस्त किया है। रक्षा मंत्री श्री @rajnathsingh जी से वार्ता कर रेस्क्यू अभियान में तेजी लाने के लिए सेना की मदद लेने हेतु अनुरोध किया है, जिसको लेकर उन्होंने हमें केंद्र सरकार की ओर से हर सम्भव सहायता देने के लिए आश्वस्त किया है। सभी को सुरक्षित निकालने हेतु रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है।
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