अवादा फाउंडेशन 2030 तक ई-एजुकेशन

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Avada Foundation e-education by 2030
भारतीय संस्कृति के धार्मिक ऋणों में उल्लेखित एक ऋण ‘भूत ऋण’ भी है,

लखनऊ-बिजनेस डेस्क। अवादा ग्रुप की परोपकारी शाखा अवदा फाउंडेशन ई-एजुकेशन, एम्पॉवरमेंट और एनवायनरमेंट यानी 3-ई गतिविधियों पर केंद्रित अपनी सीएसआर पहलों के माध्यम से, अपने संचालन के सभी 11 राज्यों में 2030 तक 10 लाख लोगों के जीवन को प्रभावित करने का लक्ष्य लिए हुए है। फाउंडेशन पहले ही स्वास्थ्य और ग्रामीण विद्युतीकरण के साथ-साथ अपनी विभिन्न सीएसआर गतिविधियों के माध्यम से भारत भर में 2 लाख से अधिक लोगों के जीवन में परिवर्तन लाने के विजन और मिशन पर काम कर चुका है।

सामुदायिक जुड़ाव में विश्वास

अवादा ग्रुप सामुदायिक जुड़ाव में दृढ़ विश्वास रखता है और अवादा फाउंडेशन लोगों के जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने वाली दृष्टि पर केंद्रित है। 3-ई का उद्देश्य समाज के गरीबों और हाशिए के वर्गों के सामने आने वाली चुनौतियों से जूझना है। भारतीय संस्कृति के धार्मिक ऋणों में उल्लेखित एक ऋण ‘भूत ऋण’ भी है, जिसका मतलब है कि हम पैदा होने के समय से कर्ज में हैं। हम पर्यावरण से संसाधन लेते हैं, यह हमारा कर्तव्य है कि हम अपने पूर्वजों, पर्यावरण, पौधों और जानवरों को वापस भुगतान करें। यह समय है कि हम अपने आस-पास के लोगों की मदद करें ताकि उनके जीवन में बदलाव आ सके।

समाज की बेहतरी

अवादा ग्रुप के चेयरपर्सन विनीत मित्तल कहते हैं, ‘इसी भावना के साथ हम अपनी सामाजिक पहलों और समाधानों के माध्यम से लाखों लोगों की मदद करने का लगातार प्रयास करते हैं। समाज को वापस देना कॉरपोरेट्स की नैतिक जिम्मेदारी होनी चाहिए और हम समाज की बेहतरी की दिशा में काम करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण, विद्युतीकरण के क्षेत्र में हमारी पहल भारत को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के हमारे संकल्प का प्रतिबिंब है।’

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