दुखदः 22 हजार का चालान देखकर सदमे में ऑटो चालक ने की आत्महत्या

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Tragic: Auto driver commits suicide in shock after seeing 22 thousand challan
नर्वल कस्बा निवासी सुनील गुप्ता ने कुछ समय पहले एक सेकेंड हैंड ऑटो खरीदा था। इससे अपना परिवार चला रहे थे।

कानपुर। ट्रैफिक पुलिस यातायात नियमों का पालन कराने के लिए चालकों को समझाइश देती है, और जर्माने लगाती हैं। यह तो सामान्य बात है, लेकिन कानपुर में ट्रैफिक पुलिस ने एक आॅटो वाले को नियमों को तोड़ने के एवज में ऑनलाइन 22 हजार का चालान भेज दिया। 22 हजार का चालान देखकर आॅटो चालक सदमे में आ गया, इसके बाद उसने आत्महत्या करके जान दे दी। ऑटो चालक सुनील गुप्ता 32 ने शनिवार रात नर्वल स्थित घर पर फंदा लगाकर जान दे दी। तड़के उसकी पत्नी ने फंदे पर शव लटकता देख पुलिस को सूचना दी। रविवार को पुलिस ने पोस्टमार्टम कराने के बाद शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया।

परिजनों का दावा है कि ढाई महीने के भीतर ऑटो के 22 हजार 500 रुपये के चालान हो गए। इससे सुनील मानसिक तनाव में था। इसी वजह से उन्होंने खुदकुशी कर ली। नर्वल कस्बा निवासी सुनील गुप्ता ने कुछ समय पहले एक सेकेंड हैंड ऑटो खरीदा था। इससे अपना परिवार चला रहे थे।

दोबारा चालान होने से हुआ निराश

परिवार में उनकी पत्नी संगीता व चार साल की बेटी है। पत्नी ने बताया कि इस बीच 21 जुलाई को ऑटो का 10 हजार ई-चालान हुआ। जब सुनील के मोबाइल पर मैसेज आया तब जानकारी हुई। तब से वह काफी परेशान थे। संगीता के मुताबिक सुनील दस हजार रुपये जोड़कर चालान खत्म कराने के प्रयास में जुटे थे। इस बीच 4 सितंबर को एक और चालान 12 हजार 500 रुपये का हो गया। जब इस चालान का मैसेज आया तो सुनील बेहद निराश हो गए। तब से ही वह मानसिक तनाव में रहते थे। संगीता का कहना है कि इसी वजह से सुनील ने खुदकुशी की।
दिन में किया था प्रयास, पड़ोसी ने बचाया था।

परिजनों ने बताया कि शनिवार दोपहर को बरामदे में चादर के फंदे से लटककर सुनील जान देने का प्रयास कर रहे थे। तभी एक पड़ोसी ने उनको देख लिया था। उसने वहां पहुंचकर सुनील को समझाया था। परिजनों को भी इसकी जानकारी दी थी। संगीता ने बताया कि देर रात में जब वह व उनकी बेटी सो गई थी तब सुनील ने खुदकुशी कर ली।

मामूली थी कमाई, निर्भर था परिवार

सुनील के माता-पिता नहीं हैं। सुनील ने बेटी को गोद लिया था। संगीता ने बताया कि सुनील की बहुत मामूली कमाई थी, जिससे परिवार का खर्च चलता था। इसलिए चालान का जुर्माना नहीं भर पा रहे थे। अब तो दो वक्त की रोटी जुटाना भी मुश्किल हो जाएगा। वहीं इस विषय में कानपुर आउटर एसपी तेज स्वरूप का कहना है कि परिजनों का दावा है कि सुनील ने चालान होने की वजह से खुदकुशी की है। इस तथ्य की जांच कराई जा रही है। जांच में स्पष्ट हो जाएगा कि आखिर आत्महत्या करने की वजह क्या थी। ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने पर चालान किए जाते हैं।

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