बिहार। बिहार के जमुई जिले के चंद्रमंडी थाना के घुटवे गांव में उस समय हड़कंप मच गया जब एक अधूरे कुएं से तीन मासूम बच्चों और उसकी मां का शव मिलने की खबर लोगों को लगी। लोग भागते हुए घटनास्थल पर पहुंचे, इस हृदय विदारक घटना से हर किसी की आंख में आंसू आ गए। बेटी की मौत की सूचना पर पहुंची सकली देवी ने बताया कि पिछले दो सालों से ससुरालवालों द्वारा मेरी बेटी को मानसिक और शारीरिक रूप से काफी परेशान किया जा रहा था। सोमवार की शाम को भी बेटी ने फोन कर कहा था कि मां मुझे यहां से जल्दी ले चलो, नहीं तो यह लोग मुझे जान से मार देंगे। रात बीती और सुबह को बेटी और नातियों की मौत की खबर मिली।
दहेज के लिए करते थे परेशान
मृतका के पिता दिनेश्वर यादव ने बताया कि पिछले दो सालों से मेरा दामाद और उसके घरवाले मेरी बेटी को नहीं रखना चाह रहे थे। जिसको लेकर एक साल पूर्व पंचों के साथ पंचायती हुई थी और बांड बनाकर सुलहनामा करा दिया गया था ताकि सभी लोग शांति से रहे। इसके बावजूद भी ससुरालवालों का व्यवहार मेरी बेटी के प्रति नहीं बदला और मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना का दौर जारी रहा।
इस दौरान बेटी ने कई बार इसकी शिकायत भी की लेकिन मैंने बेटी को समझा-बुझाकर अपना घर बसाने को कहा लेकिन निर्दयी ससुरालवालों ने लगातार मेरी बेटी के साथ मारपीट और गाली-गलौज, मानसिक रुप से प्रताड़ित किया और आखिरकार मेरी बेटी और उसके बच्चों को मारकर फेंक दिया। गांव में भी कई लोगों ने दबे जुबान बताया कि मानसिक प्रताड़ना से परेशान बबिता ने अपने बच्चों के साथ आजीज होकर मौत का रास्ता चुन लिया। प्रारंभिक जांच में पुलिस को भी यही पता चला कि मानसिक प्रताड़ना से परेशान बबिता ने बच्चों के साथ कुएं में छलांग लगाकर मौत को गले लगा लिया।
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